चंडीगढ़:- करीब 14 साल बीत गए. इस दौरान पंजाब के नांगल कस्बे के आपस में लगे 2 गांवों के एक बड़े स्कूल का मालिक स्कूली बच्चियों का लगातार यौन-शोषण करता रहा. उसने कितनी बच्चियों को शिकार बनाया, अभी पता नहीं. क्योंकि न पीड़ितों ने कोई शिकायत की और न ही गांव वालों ने कुछ बोला. ऐसे में, पुलिस कार्रवाई क्या ही होती. हालांकि, देर से सही, पर अब उसके अपराध का हिसाब-किताब होने का वक्त आ गया है. क्योंकि सोशल मीडिया के जरिए उसकी करतूत सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी स्कूल मालिक को गिरफ्तार कर लिया है. वह स्कूल का प्रिंसिपल भी है. हालांकि उसका नाम अब तक सार्वजनिक नहीं हुआ है क्योंकि उसके राजनीतिक ताल्लुकात ऊंचे हैं. अलबत्ता, उम्र जरूर 54 साल के आसपास बताई गई है. पंजाब सरकार ने विशेष जांच दल बना दिया है. ताकि निष्पक्ष जांच हो सके.

इसी फरवरी में सामने आया मामला
बताया जाता है कि पंजाब शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त इस स्कूल के मालिक ने हाल ही में 3 स्कूली बच्चियों की करीब 198 आपत्तिजनक तस्वीरें खींची थीं. उनके ऐसे ही कुछ वीडियो भी बना लिए थे. लेकिन इसी जनवरी के आखिर या फरवरी की शुरुआत के आसपास ये तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर लीक हो गए. बताया जाता है कि स्कूल-मालिक के ही पूर्व मित्र ने ये तस्वीरें और वीडियो लीक किए थे. वह पेशे से दवा-विक्रेता है. इसके बाद भीम आर्मी के नेता अश्विनी कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और पहले पुलिस ने स्कूल-मालिक के दोस्त को गिरफ्त में लिया. इसके बाद आरोपी को पकड़ा गया.

गांव वाले जानते थे, फिर भी चुप रहे
आरोपी ने साल 2000 में गांव में पहला स्कूल खोला था. शुरू में तो सब ठीक रहा. लेकिन जल्द ही गांव वालों को आरोपी पर संदेह होने लगा. क्योंकि वह स्कूली बच्चियों को ट्यूशन के बहाने स्कूल के बाद भी अपने पास बुलाया करता था. पंचायत के एक सदस्य ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘हमें अंदेशा हो चुका था कि वह बच्चियों के साथ गलत कर रहा है. लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं था. इसलिए हमने सुनिश्चित किया कि गांव में उसका स्कूल ही न रहे. इसके बाद 2016 में उसका स्कूल बंद करा दिया.’ हालांकि, इसके कुछ समय बाद ही आरोपी ने अपने राजनीतिक रसूख के दम पर पड़ोसी गांव में फिर स्कूल खोल लिया. बताया जाता है कि इसके बाद वह गांव वालों को खुले तौर पर धमकाने भी लगा था कि अगर उसके खिलाफ किसी ने कुछ बोला तो उनकी बच्चियों की तस्वीरें सार्वजनिक कर दी जाएंगी. पुलिस की मानें तो गांव वालों ने बदनामी और आरोपी के राजनीतिक रसूख के डर अपना मुंह बंद रखा और उसकी हरकतें जारी रहीं.

विधानसभा अध्यक्ष से नजदीकी का दावा
आरोपी की राजनीतिक असर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने बीते सालों में अपने स्कूल के लिए पंजाब सरकार से करीब 35 लाख रुपए की वित्तीय मदद भी हासिल की है. यही नहीं, सूत्रों की मानें तो आरोपी निवर्तमान पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष और कांग्रेस के नेता राणा केपी सिंह से अपनी नजदीकी का दावा करता था. हालांकि राणा ने आरोपी के साथ अपने किसी तरह के संबंधों से साफ इंकार किया है. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मुझे पूरा भरोसा है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और आरोपी को सख्त सजा मिलेगी.’ हालांकि अब भी सवाल ये अपनी जगह कायम है कि क्या आरोपी को सजा हो पाएगी?