कोरबा:- छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों से वनकर्मी हड़ताल पर हैं। इसका असर अब प्रदेश के जंगलों में दिखाई देने लगा है। कई इलाकों में जंगल आग की चपेट में है। अब यह आग जानलेवा होने लगी है। कोरबा में झुलसने से एक चीतल की मौत हो गई। चार दिनों में यह दूसरी घटना है। वहीं पेंड्रा-अमरकंटक मार्ग पर धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर वनकर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के लिए सद् बुद्धि हवन और पूजन किया।
चार दिन में दूसरे चीतल की मौत
वन कर्मियों के हड़ताल का असर अब जंगलों और जंगली जीवों के साथ पर्यावरण पर भी दिखने लगा है। जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कोरबा के कोरकोमा जंगल में आग लगने से मड़वारानी वन क्षेत्र में एक चीतल की मौत हो गई। आग की चपेट में आकर चीतल बुरी तरह से झुलस गया था। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। वहीं कुछ दिन पहले एतमा नगर रेंज में हाथी के हमले से एक युवक की मौत हो गई थी।
ATR से सटे जंगलों की आग का धुआं दूर तक फैला
अचानकमार टाइगर रिजर्व (ATR) और अमरकंटक के जंगलों से सटे मरवाही वनमंडल के खोडरी रेंज के जोगीसार के जंगल में कई जगहों पर आग लगी हुई है। आग का प्रभाव इतना है कि कारीआम से केंवची अमरकंटक जाने वाले मार्ग में धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। आग पर काबू पाने के लिए वन सुरक्षा समिति के सदस्यों और अन्य लोगों की मदद कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों से भी सहयोग मांगा गया है, पर ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी है।
12 सूत्रीय मांगों को लेकर वन कर्मचारी कर रहे हैं आंदोलन
विधानसभा चुनाव से पहले वन कर्मचारी संघ चाहता है कि वह अपनी लंबित मांगों को हर हाल में पूरा करा ले। इसे लेकर कर्मचारियों का संगठन पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रहा है। इसका असर नहीं होते देख कोरबा में कर्मचारियों ने प्रदर्शन स्थल के बाहर ही हवन पूजन कर सरकार की सद्बुद्धि की कामना की। वन कर्मचारी संघ का कहना है कि उसकी 12 मांगे काफी समय से लंबित पड़ी हुई हैं और इसे लेकर अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं।