कोच्चि:- आकाशवाणी रेनबो 107.5 में आरजे और वायु सेना अधिकारी शिवराज एच की विधवा अंबिका कृष्णा सोमवार को कोच्चि से अकेले बाइक पर पूरे देश की यात्रा करने के लिए तैयार हैं. अंबिका ने 19 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया था. वह उस समय स्नातक की पढ़ाई कर रहीं थीं और उनकी एक तीन महीने की एक बेटी थी, जिसकी देखभाल उनको करनी थी. जीवन की हर बाधा के खिलाफ उनकी संघर्ष की भावना कई लोगों के लिए प्रेरणा है. अंबिका कृष्णा की यह यात्रा सैनिकों और उनकी विधवाओं को एक श्रद्धांजलि होगी. अंबिका कृष्णा अपनी यात्रा के दौरान देश भर के सभी 25 रेनबो स्टेशनों पर जाएंगी. अंबिका का अकेले बाइक पर पूरे देश की यात्रा करने के मकसद अपने जैसे अन्य लोगों को प्रेरित करना हैं.

उन्होंने कहा कि ‘जब 1997 में मेरे पति का निधन हुआ, तब मैं बीकॉम की छात्रा थी. मुझे कई पेपर पास करने थे. अनुकंपा के आधार पर अच्छी नौकरी के योग्य होने के लिए मुझे स्नातक की पढ़ाई पूरी करनी थी. उस समय जब मैं कॉलेज जाती थी तो मेरे कुछ दोस्तों ने मेरी बेटी आर्या की देखभाल की. कुछ दूसरे लोगों ने मुझे पढ़ाई के छूटे हिस्से को पढ़ाया.’ शाम के समय का उपयोग अंबिका ने कंप्यूटर सीखने में किया और एक एकाउंटेंट की नौकरी हासिल की. उन्होंने 2008 में इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के कोचीन चैप्टर में पंजीकरण करवाया. वह उसी वर्ष आकाशवाणी में उन्होंने अंशकालिक नौकरी शुरू की.

अंबिका कृष्णा ने मीडिया से कहा कि ‘एक अकाउंट प्रोफेशनल के रूप में काम करते हुए मैंने एक आरजे के रूप में अपने जुनून को आगे बढ़ाया. जिसने मेरे जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया. इन व्यस्तताओं का मुझ पर बहुत सकारात्मक असर पड़ा. इसने मुझे और अधिक जिम्मेदार व्यक्ति बना दिया. मैं आकाशवाणी में अपने दिनों को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ मानती हूं. इसने मुझे मानसिक दृढ़ता के साथ जीवन की सभी बाधाओं से लड़ने और अपनी बेटी को सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध और मेहनती व्यक्ति बनने में मदद की. अब वह इंफोसिस में एक डिजाइनर के रूप में काम कर रही है.’

अंबिका की यात्रा के बारे में आकाशवाणी के सभी स्टेशनों को अलर्ट कर दिया गया है और आपात स्थिति में उनकी मदद करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि ‘मैं युवा पीढ़ी के लिए और अधिक काम करना चाहती हूं. आजाद रहने की भावना ने मुझे पूरे देश में अकेले बाइक से सफर करने के लिए प्रेरित किया. मेरे जीवन ने मुझे इस बात का एहसास कराया है कि अगर आपके पास क्षमता और आत्मविश्वास है, तो सब कुछ संभव है.’ अंबिका कृष्णा को उम्मीद है कि वे 50 दिनों से कम समय में पूरे देश की बाइक से यात्रा को पूरा कर सकती हैं.