नई दिल्ली:- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शनिवार को एक बार फिर संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए, जबकि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) लगातार अविश्वास प्रस्ताव को टालने की कोशिश में लगी है. इसी तरह से, 3 अप्रैल को भी इमरान संसद सत्र में शामिल नहीं हुए थे और अपने कक्ष से कार्यवाही की निगरानी की थी. उस दिन डिप्टी स्पीकर ने जैसे ही विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया, इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित करना शुरू दिया, जिसमें उन्होंने संसद भंग करने की अपनी सलाह की घोषणा की.

एक हफ्ते और सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद इमरान खान शनिवार को फिर से संसद में नजर नहीं आए क्योंकि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि वह इमरान खान और पीटीआई सरकार की स्थिति पेश करेंगे. इमरान खान की अनुपस्थिति के ट्रैक रिकॉर्ड पर टिप्पणी करते हुए एक प्रमुख पाकिस्तानी स्तंभकार नदीम फारूक पराचा ने ट्वीट किया, “बल्लेबाज ने ड्रेसिंग रूम से ‘आखिरी गेंद’ खेलने का फैसला किया है, कितना बहादुर है.” दरअसल वे इमरान खान के उस बयान का हवाला दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विपक्ष के दबाव में आकर इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक खेलेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया इमरान खान को झटका
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक आदेश में नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राष्ट्रपति द्वारा निचले सदन को भंग करने के फैसले को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पीएम की सलाह संविधान और देश के कानून के विपरीत थी. अदालत ने इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के लिए नेशनल असेंबली को बहाल करने और शनिवार को अपना सत्र बुलाने का भी आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक विधानसभा के सत्र को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक नहीं रोका जा सकता.

इमरान में वो साहस नहीं, जो एक खान में होनी चाहिए
वहीं कुरैशी ने अपने भाषण में कश्मीर, भारत की ओर से मिसाइल फायरिंग, सीपीईसी, बीआरआई आदि समेत कई मुद्दों को छुआ है. विपक्षी दलों के गठबंधन की आलोचना करते हुए कुरैशी ने ‘कौन बचाएगा पाकिस्तान?’ का नारा भी लगाया, जिसके जवाब में पार्टी के सदस्यों ने ‘इमरान खान’, ‘इमरान खान’ कहा.

इस दौरान बैठक में मौजूद इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने ट्वीट किया, “आपने असली खान को देखा… दूसरे में वह साहस और वीरता नहीं है जो एक खान में होनी चाहिए.”

यह तय है कि इमरान खान अविश्वास मत में अपनी ‘हार’ को स्वीकार नहीं करेंगे, यह संसद को भंग करने के लिए जोर देने के उनके पहले के कदम से बहुत स्पष्ट हो गया है जिसे अंततः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.