बिलासपुर:- बिलासपुर रेल मंडल के अमलाई में नॉन इंटरलॉकिंग के काम दौरान रेलवे अधिकारी यागवेंद्र सिंह भाटी की ट्रेन की टक्कर से हुई मौत के मामले में पुलिस ने बुढ़ार के स्टेशन मास्टर, दो इंजीनियर, ट्रैकमैन और फोरमेन के खिलाफ धारा 304 ए के तहत अपराध दर्ज किया है। दूसरी ओर रेलवे की जांच रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि अमलाई में 23 जून की शाम करीब 6.30 बजे रेलवे के सेक्शन ऑफिसर यागवेंद्र सिंह भाटी की कटनी-बिलासपुर ट्रेन की टक्कर से मौत हो गई थी। उस समय प्लेटफॉर्म पर नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा था, जिसे देखने के लिए भाटी पटरियों पर उतरे हुए थे। अमलाई पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज किया था। जांच के बाद पुलिस ने पाया कि नॉन इंटरलॉकिंग का काम करने का समय समाप्त हो चुका था, इसके बावजूद वहां काम कराया जा रहा था। घटनास्थल पर अंधेरा था।

इधर बुढ़ार के स्टेशन मास्टर ने मेमू ट्रेन के पायलट को बिना सतर्कता चेतावनी और दिशा निर्देश दिए ही आगे रवाना कर दिया था। इसके चलते ट्रेन जिसे इस स्थान से 15-20 किलोमीटर की गति से गुजरनी थी वह करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से गुजरी। ट्रेन के गुजरने के दौरान फोरमैन को हूटर बजाने की जरूरत थी, लेकिन उसने केवल सीटी बजाई। इन सब तथ्यों के सामने आने के बाद रेलवे के उप मुख्य अभियंता प्रदीप तुराले, सहायक उप अभियंता अरविंद यादव, बुढ़ार स्टेशन मास्टर मुनीब सिंह, ट्रैकमैन उमंग श्रीवास्तव और फोरमैन ज्ञानेंद्र यादव के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

इधर रेलवे ने भी इसकी जांच के लिए चीफ पैसेंजर ट्रांसपोर्ट मैनेजर के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय टीम बनाई है लेकिन घटना के करीब 25 दिन बीत जाने के बाद भी उसकी रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है, न ही विभागीय स्तर पर किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई है।