कोरबा:- चना जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार…,मेरा चना बना है आला, इसमें डाला गरम मसाला, इसको खाएगा दिलवाला, चना जोर गरम…। इस आवाज के साथ कोरबा की सड़कों पर और गलियों में लगभग 4 दशक से चना जोर गरम बेचते आ रहे इंद्रपाल की आवाज खामोश हो गई। लगभग 72 वर्ष की आयु में 19 जनवरी गुरुवार तड़के निवास पर ही उनका आकस्मिक निधन हो गया।

अमरैया पारा निवासी इंद्रपाल मूलतः उत्तर प्रदेश राज्य के थे। उन्होंने चना जोर गरम बेचने की शुरुआत लगभग 4 दशक पहले कोरबा के प्रसिद्ध व्यवसायी रहे ठंडाई वाला के नाम से मशहूर स्वर्गीय रामदेव पाल,पुराना बस स्टैंड के सानिध्य में शुरू किया। उस समय चना जोर गरम की पेटी गले में लटका कर कुछ और लोगों ने भी यह काम शुरू किया लेकिन समय के साथ व्यवसाय बदल लिया। इंद्रपाल ने अपने गुरु रिश्ते में चाचा स्वर्गीय रामदेव पाल के द्वारा सिखाए गए हुनर को कायम रखा और कोरबा शहर के लोगों की जुबान पर चना जोर गरम का स्वाद लगभग 40 साल तक बनाए रखा।

इंद्रपाल अपने पीछे पत्नी, चार पुत्रों सहित भरा-पूरा परिवार रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। उनकी अंतिम यात्रा अमरैया पारा स्थित निवास से प्रारंभ हुई और मोतीसागर पारा मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान परिजनों व शुभचिंतकों ने उपस्थित रहकर नम आंखों से अंतिम विदाई दी।