हाथरस:- पीड़िता का अंतिम संस्कार यूपी पुलिस ने मंगलवार की रात अंधेरे में करीब 2.30 बजे कर दिया. आरोप है कि इस दौरान पुलिसवालों ने मृतक के परिजनों को घर में बंद कर दिया था. देर रात के दृश्यों में कैप्चर किए गए घटनाओं में विचलित करने वाला दृश्य कैद हुआ है, जिसमें पीड़ित परिवार को पुलिस के साथ बहस करते हुए देखा गया है. मृतक के रिश्तेदार खुद शव ले जाने वाली एम्बुलेंस के आगे आ खड़े हुए और गाड़ी की बोनेट पर लद गए लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें हटाकर दाह संस्कार कर दिया. युवती की मां एम्बुलेंस के आगे सड़क पर लेट गई लेकिन पुलिस उसे हटाकर वहां से चलती बनी. पीड़ित मां दाह संस्कार के बाद असहाय होकर रोती रही.

मृतक युवती के भाई का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बताए बिना शव को घर से दूर ले गई और चुपचाप उसका अंतिम संस्कार कर दिया. मृतक के पिता और भाई पुलिस एक्शन के खिलाफ विरोध में धरने पर बैठ गए. इसके बाद पुलिस के अफसर उन्हें काली स्कॉर्पियो में बिठाकर कहीं और ले चले गए. गांववालों ने भी इस दौरान पुलिस कार्रवाई का विरोध किया.इस घटना के बाद इलाके में पुलिस के खिलाफ भारी रोष है.

युवती की मौत के बाद मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया और दोषियों को फांसाी देने की मांग की. बाद में पुलिस दिल्ली से करीब 200 किलोंमीटर दूर हाथरस के गांव मंगलवार की रात डेडबॉडी लेकर पहुंची. इस दौरान परिजनों और रिश्तेदारों ने डेडबॉडी सौंपने की मांग की ताकि सुबह में उसका पारंपरिक रूप से अंतिम संस्कार किया जा सके, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और सभी को अलग रखकर रात के अंधेरे में चुपचाप मृतक युवती की लाश जला दी.

पुलिस ने इस मामले में अभी तक सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, उन पर सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया गया है, और उन्हें जेल भेज दिया है. हालांकि, महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरू में उनकी मदद नहीं की और मामले पर गुस्सा जताने के बाद कार्रवाई की है. पुलिस ने इन आरोपो से इनकार किया है. कथित तौर पर यह घटना 14 सितंबर को जिले के एक गांव में हुई, जो दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर दूर है.