लखनऊ:- हाथरस मामले (Hathras Case) में योगी सरकार ऐक्शन मोड में आ गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी विक्रम वीर, डीएसपी राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, उप निरीक्षक जगवीर सिंह तथा हेड मुर्रा महेश पाल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं एसआईटी को सभी अधिकारियों का नार्को पॉलीग्राफ टेस्‍ट कराने के निर्देश दिये है। फिलहाल डीएम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

गैंगरेप केस में पीडि़ता की मौत के बाद जबरन उसका दाह संस्‍कार कर देने की घटना से पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। घटना को लेकर पिछले तीन दिन से देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा था। मुख्‍यमंत्री ने पहले ही इस मामले में एसआईटी का गठन करके एक हफ्ते में पूरी रिपोर्ट मांगी है। इस टीम में एक दलित और एक महिला अधिकारी को भी शामिल किया गया है।

सीएम योगी ने ट्वीट कर दिया था सख्‍ती का संकेत, दोषियों को ऐसा दंड मिलेगा कि बनेगा उदाहरण- सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीटर अकाउंट से उन आलोचनाओं का जवाब देने की कोशिश की है जिनमें यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को कमजोर बताया गया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी यूपी सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है। यह हमारा संकल्प है-वचन है।

परिजनों ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप  
हाथरस मामले में पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें किसी भी कीमत पर मीडिया से मिलने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने पीड़िता के गांव में पहले से ही धारा 144 लगा दी है। शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवार ने एक नाबालिग बच्चे को किसी भी तरह मीडिया से संपर्क करने के लिए भेजा। बच्चे ने बताया कि हमारे कुछ मोबाइल फोन ले लिए गए हैं और हमें मोबाइल को स्विच ऑफ करने के लिए कहा गया है।