रायगढ़:- बीती रात शहर के स्टेशन चौक स्थित आनंद फार्मेसी को जिला प्रशासन ने बंद करवा दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आनंद फार्मेसी के संचालक पर यह आरोप है कि उसने कोविड मरीज का अपने नुस्खे से इलाज किया और मर्ज बढ़ने के बाद उसकी मौत हो गई। इस बात की जानकारी कलेक्टर रायगढ़ को मिलते ही उन्होंने कड़ा कदम उठाते हुए क्लीनिक बंद करवा दिया।
गौरतलब हो कि यहां पूर्व में भी आनंद फार्मेसी के ऊपर लगातार नियमों के विपरीत क्लीनिक संचालन के आरोप में क्लिनिक सील किया गया था। लेकिन इससे पहले कभी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन पांच दिन पहले एक मरीज को सर्दी जुकाम होने पर उसका कोविड टेस्ट करने के बजाय उसका इलाज करते रहा और जब उसकी हालत गंभीर हो गई तब उसका कोरोना टेस्ट करवा गया। तब तक मरीज की स्थिति खराब हो चुकी थी और MCH में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आनंद फांर्मेसी को सील करने की कारवाही की गई।
नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करने वाले पर स्वास्थ्य विभाग भी मेहरबान क्यो?
यहां यह भी बताना लाजिमी होगा कि शहर के मध्य स्टेशन चौक पर स्थित आनंद फार्मेसी क्लीनिक कहने को तो आयुर्वेद के नाम पर क्लीनिक संचालित करता है। किंतु हकीकत में एलोपैथिक पद्धति से भी मरीजों का धड़ल्ले से इलाज करता है तथा बिना डिग्री, डिप्लोमा और विधिवत स्वास्थ्य विभाग से बिना अनुमति के एलोपैथिक दवाओं का उपयोग भी काफी लंबे समय से करता आ रहा है तथा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ प्रतिबंधित दवाओं का भी उपयोग आनंद फार्मेसी के संचालक द्वारा किया जाता है जो कि नर्सिंग होम का खुला उल्लंघन है। मगर विडंबना की बात यह है कि शहर के मध्य में वर्षों से संचालित क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग ने कभी नर्सिंग होम एक्ट की कार्यवाही नहीं की है। जिससे संचालक के हौसले भी बुलंद हैं।
नर्सिंग होम पर मामला दर्ज कराने सौंपा सामाजिक संगठन ने ज्ञापन
इधर घटना के दूसरे दिन समाजिक संगठन क्राइम फ्री इंडिया फोर्स के सदस्यों ने प्रशासन और पुलिस से आनंद फार्मेसी के संचालक डाक्टर गोपाल शर्मा के विरुद्ध महामारी एक्ट और नर्सिंग होम अधिनियम 1973 के अलावा बिना अनुभव कोरोना मरीज का इलाज कर उसे मरने की स्थिति तक लाने के कारण गैर इराधन हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग करते हुए लिखित शिकायत की है। उन्होंने शिकायत पत्र के सांथ उक्त क्लिनिक में पहले भी गलत इलाज की वजह से मरने वाले मरीजों की जानकारी दी है।
बहरहाल पहली मर्तबा सामाजिक संगठन क्राईम फ्री इंडिया फोर्स ने कड़ी कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन सौंपा है अब यह देखना लाजमी होगा कि महामारी अधिनियम, नर्सिंग होम एक्ट, तथा गैर इरादतन हत्या के मामले अवैध क्लिनिक संचालक के ऊपर मामला दर्ज करते हुए कार्यवाही की जाएगी या सिर्फ सील बंदी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।