इम्फाल 20 दिसंबर 2020। मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) थौनाओजम बृंदा ने ड्रग्स मामले में अदालत के आदेश के बाद अपना मुख्यमंत्री वीरता मेडल शुक्रवार को वापस कर दिया. इस ड्रग्स मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व एडीसी चेयरमैन और 6 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगे थे. पुलिस अधिकारी को ड्रग्स मामले में जांच के सिलसिले में यह मेडल दिया गया था. पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को लिखी चिट्ठी में अदालत के आदेश को वजह बताया है. अदालत ने ड्रग्स मामले में जांच को “असंतोषजनक” मानते हुए सभी आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है.

इम्फाल की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को ड्रग केस में गिरफ्तार चंदेल ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष और अन्य 6 लोगों को रिहा कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि इनपर लगे आरोपों को साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह नाकाम रहा।

बृंदा ने मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को लिखी चिट्ठी में कहा, ‘मुख्यमंत्री के ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ से जुड़े अभियान के तहत इस केस के लिए मुझे 2018 में वीरता मेडल दिया गया था। मैं नैतिक रूप से यह मानती हूं कि मैंने न्याय व्यवस्था की इच्छा के हिसाब से अपना कर्तव्य नहीं निभाया। इसलिए मैं खुदको इस सम्मान के लायक नहीं समझती और यह पुरस्कार गृह विभाग को वापस करती हूं ताकि इसे किसी अन्य योग्य और ईमानदार पुलिस ऑफिसर को दिया जा सके।’

बता दें कि जून 2018 में मणिपुर पुलिस की एक टीम ने इम्फाल में एक अभियान के तहत आठ लोगों के पास से 2.80 लाख रुपये की 4.595 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी। इसके अलावा इन लोगों के पास से 27.79 करोड़ रुपये की वर्ल्ड इज यॉर्स (WY)एम्फैटेमिन टैबलेट भी जब्त किए गए थे।