रायपुर। बुधवार को रायपुर में कोरोना वैक्सिनेशन से जुड़ी 2 बड़ी खबर सामने आई। बुधवार को छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की दूसरी खेप पहुंची। वहीं दूसरी तरफ वैक्सिनेशन के आकड़े तेजी से बढ़ गए। छत्तीसगढ़ में शाम 7 बजे तक मिले आंकड़ो के आधार पर कुल वैक्सिनेशन का प्रतिशत 63 प्रतिशत रहा। जबकि कल तक 56 प्रतिशत वैक्सिनेशन हो रहा था। इधर रायपुर का वैक्सिनेशन प्रतिशत 73.8 पहुंच गया। जबकि बीते 2 दिनों में औसत 60 प्रतिशत वैक्सिनेशन हुआ था।
रायपुर में आज तिल्दा के मिशन हॉस्पिटल में 96 प्रतिशत वैक्सिनेशन हुआ, जबकि रायपुर मेडिकल कॉलेज में 88 प्रतिशत वैक्सिनेशन हुआ, बुधवार को रायपुर एम्स में भी वैक्सिनेशन का आंकड़ा बढ़ा और वैक्सिनेशन 40 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गया। NHMMI में 78 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। जबकि जिला अस्पताल में 26 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन लगवाई। बता दें कि रायपुर में 5 और प्रदेश में 97 केंद्रों में वैक्सीन लगाई जा रही है।
आज के लिए पहले से 8558 शेडयूल्ड स्वास्थ्य कर्मियों में से 5383 हेल्थ केयर वर्कर अर्थात लगभग 63 प्रतिशत ने 94 सेशन साइट पहुंच कर वैक्सीन लगवाई । पहले चरण में 2.67 लाख हेल्थ केयर वर्कर को टीका लगाया जाना है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बलौदा बाजार जिले में आज निर्धारित कर्मियों में से सर्वाधिक 97.65 प्रतिशत कर्मियों ने टीका लगवाया । इसके अलावा रायपुर जिले में 369, दुर्ग जिले में 457, राजनांदगांव में 287, बिलासपुर में 411, सुकमा में 127, रायगढ़ में 341, बालोद में 268, सरगुजा में 246, जांजगीर चांपा में 129, बलौदा बाजार में 166, जशपुर में 168, कोरबा में 125, कबीरधाम में 193, महासमुंद में 149, बेमेतरा में 219, धमतरी में 144, कोरिया में 196, कोंडागांव में 161, कांकेर में 130, गोरेला पेंडा मरवाही में 138, मुंगेली में 104, नारायणपुर में 15, गरियाबंद में 165, बस्तर में 232 , दंतेवाडा 126, सूरजपुर में 241, बलरामपुर में 76 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। दुर्ग में दो और रायपुर में एक ए ई एफ आई दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर दूसरी खुराक लेना होगा। सेकंड डोज लेने के दो सप्ताह के अंदर आम तौर पर एंटीबाडी का सुरक्षात्मक स्तर इम्यूनिटी विकसित होती है। वैैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना आवश्यक होगा जिससे कोरोना के खतरे को कम किया जा सकेगा।