धमतरी:- लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ सरकर ने शराब की होम डिलीवरी की सुविधा क्या शुरू की आबकारी महकमा मनमानी पर उतर आया है. धमतरी में विभाग ने शराब की होम डिलीवरी के लिए शासकीय वाहन को ही लगा दिया गया. यहां शासकीय आरटीओ पासिंग CG – 02 7202 नंबर की सरकारी सूमो से शहर में शराब की होम डिलीवरी की जा रही है. यह घटना कैमरे में भी रिकार्ड हो गई है, जिसके बाद से विभाग की थूं-थूं भी होने लगी है.

जिस वाहन में शराब की ढुलाई हो रही है वह वाहन विभाग के अधिकारियों को सरकारी कामकाज के लिए मिला है. और तो और चालक भी शासकीय सेवक है, जो शराब ढो रहा है. इस वाहन में एक लिस्ट भी मिली है, जिनके घरों में शराब पहुंचाई जानी है. जब सरकारी वाहन चालक से सवाल किया तो चालक ने सिर्फ इतना ही कहा कि, जैसा आदेश होता है हम वैसा ही काम करते हैं. इसके अलावा किसी भी सवाल का जवाब उसके पास नहीं था. इसके बाद न्यूज टीम ने लगातार जिला आबकारी अधिकारी को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने एक बार भी फोन रिसीव नहीं किया.

मीडिया की सक्रियता से घबराए वाहन चालक और डिलीवरी बॉय ने पहले गाड़ी एनएच स्थित आबकारी कंट्रोल रूम में ले गया, लेकिन वो भी बंद था, मीडिया के सवाल लगातार जारी थे, लिहाजा ड्राइवर ने गाड़ी को वापस वहीं ले जाना उचित समझा जहां से वो निकली थी. यानी रत्न बांधा रोड स्थित अंग्रेजी शराब दुकान, और सूमो में रखा सारा माल वापस दुकान में रख दिया गया.आखिर में इस पूरे मामले में हमने धमतरी कलेक्टर जे पी मौर्य से बात की. धमतरी क्लेक्टर ने इस मामले को गंभीर माना है. कलेक्टर ने साफ कहा है कि इस गलती के जिम्मेदार को जांच के बाद नोटिस जारी किया जाएगा.

क्या कहता है नियम
CG-02 सीरीज को छत्तीसगढ़ शासन के सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित रखा गया है. तमाम सरकारी अधिकारी, मंत्री सभी के वाहन इसी सीरीज में रजिस्टर्ड किये जाते हैं. इन वाहनों के डीजल, चालक, और मेंटेनेंस का खर्चा सरकार उठाती है. इन गाड़ियों से शासन-प्रशासन के अधिकारी सरकार का ही काम कर सकते हैं. ऐसे वाहनों को न पुलिस रोकती है और न ही आरटीओ, किसी भी सूरत में ऐसे सरकारी वाहनों से शराब की होम डिलीवरी कदापि नहीं की जा सकती.

जहां तक छत्तीसगढ़ शासन ने शराब की होम डिलीवरी का सिस्टम बनाया है, उसमें एक सरकारी मोबाइल एप से ग्राहक शराब की बुकिंग करते हैं. बुकिंग के साथ ही ऑनलाइन प्री पेमेंट भी करना होता है, जिसमें शराब की कीमत के साथ डिलीवरी चार्ज भी जोड़कर पहले ही ले लिया जाता है. डिलीवरी चार्ज की राशि डिलीवरी बॉय को दी जाती है, क्योंकि डिलीवरी बॉय अपने साधन से तमाम ग्राहकों कर दिए पते तक जाता है और ओटीपी मिलान के बाद होम डिलीवरी करता है, लेकिन धमतरी में सरकारी वाहन में शराब भर कर डिलीवरी की जा रही थी.