गुना:- मध्यप्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में कोरोना ने ग्रामीणों पर बुरा असर डाला है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संकट के दौर में कुव्यवस्थाओं के कारण लोगों पर दोहरी मार पड़ी है। राज्य में कई उपस्वास्थ्य केंद्र में एम्बुलेंस तक कि सुविधा नहीं है और इस बात की शिकायत करने पर न प्रशासन न ही जनप्रतिनिधि सुनने को तैयार है। लेकिन कुछ जनसेवक ऐसे भी हैं जो राजनीति से इतर जनता की सेवा में स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला चांचौड़ा से आया जहां एम्बुलेंस नहीं होने की शिकायत पर स्थानीय विधायक ने अपनी लग्जरी एसयूवी जनता की सेवा में लगा दिया।
बताया जा रहा है कि चांचौड़ा में एम्बुलेंस न होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। बेहतर इलाज न मिल पाने की स्थिति में लोग कोरोना के खिलाफ जंग हार रहे थे। एम्बुलेंस न होने की शिकायत जब स्थानीय लोगों ने कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह से की तो उन्होंने शासन-प्रशासन से तत्काल एम्बुलेंस मुहैया कराने की मांग की, लेकिन हद तो तब हुई जब विधायक की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया।
कॉविड की रफ्तार कम हुई है,सुनकर अच्छा लगा।ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस की कमी है।व्यवस्था होनी चाहिए।मैने अपनी स्वयं की गाड़ी एंबुलेंस बनाने के लिए भेंट कर दी है।आशा है शीघ्र एंबुलेंस की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगी।प्रभु सबको स्वस्थ रखें। @INCMP @OfficeofSSC
— lakshman singh (@laxmanragho) May 9, 2021
ऐसे में लक्ष्मण सिंह ने एम्बुलेंस की कमी पूरी करने के लिए अपनी लग्जरी एसयूवी फॉर्च्यूनर मरीजों को सौंप दी। मंगलवार से लक्ष्मण सिंह का वाहन मरीजों को शहर तक ले जाने काम शुरू कर दिया है। अबतक कई मरीज इसका उपयोग कर चुके हैं। खास बात यह है कि इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है, यहां तक कि तेल और ड्राइवर खर्च भी लक्षमण सिंह ही उठा रहे हैं।
कांग्रेस विधायक ने इस बारे में कहा कि, ‘चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने मुझे सेवा का अवसर दिया है। मेरा भी फर्ज बनता है कि यथासंभव लोगों की सेवा में लगा रहूं। इस संकट के समय में जो भी मुझसे बन सकता है वह मैं करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। अपनी फॉर्च्यूनर वाहन एंबुलेंस के रूप में निशुल्क चलाने के लिए शासन को दे दी है। आज से उसकी सेवाएं शुरू हो गई हैं। एंबुलेंस में अस्पताल पहुंचने में समय लगता है वहीं अब फॉरचूनर कार में मरीज बैठकर और जल्द अस्पताल पहुंच सकेंगे।’