• टीम ने सख्ती की तो शादी रुकी।
  • ऐसे ही 6 बाल विवाह रुकवाए गए। ​​​​​​​

सूरजपुर:- सरकार और सामाजिक संगठनों की तमाम कोशिशों के बाद भी बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रशासन की टीम पहुंचती भी है तो लोग छिप जाते हैं या फिर दबाव बनाने लगते हैं। ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में भी आया है। यहां नाबालिग जोड़ों की शादी कराई जा रही थी। अफसर पहुंचे तो लड़की वाले मंडप उखाड़ कर छिप गए। लड़के को पड़ोसी के घर में छिपा दिया। टीम ने सख्ती की तो शादी रुकी। ऐसे ही 6 बाल विवाह रुकवाए गए।
परिजनों को जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने समझाया। उन्हें कार्रवाई की धमकी दी। साथ ही बताया कि विवाह की अनुमति देने वाले और शामिल होने वाले सभी पर कार्रवाई की जाएगी।

15 साल के लड़के की शादी, उससे पूछा तक नहीं गया
रामानुजनगर के ग्राम तेलगवां में टीम पहुंची तो वहां एक बारात ले जाने की तैयारी चल रही थी। इस पर टीम ने लड़के से मिलवाने की बात कही। पहले तो परिजन तैयार नहीं हुए, फिर उसे बाहर बुलाया। उसे बालिग बताने लगे। इस पर टीम ने शैक्षणिक दस्तावेज मांगे। उससे पता चला कि उम्र साढ़े 15 साल ही है। वहीं शादी के लिए लड़के से पूछा तक नहीं गया था। प्रशासन की टीम ने उन्हें समझाइश

बारात निकलने वाली थी, टीम पहुंची तो भागे
सूरजपुर के कुरूआं नवापारा में 18 साल के लड़के का विवाह संपन्न कराया जा रहा था। उसकी बरात उदयपुर के लिए निकलने वाली थी। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। उनको देखते ही मंडप उखाड़ कर घरवाले अंदर छिप गए। लड़के को दूसरे घर में छिपा दिया गया। टीम के दबाव पर लड़के को सामने लाया गया। दस्तावेज की जांच की गई तो पता चला कि लड़का 18 साल का है।

लड़के वालों को समझाकर बारात लाने से रोका
करकोली भैयाथान में में 17 साल की लड़की की शादी कराई जा रही थी। सारी तैयारी पूरी हो गई थी। बारात भी आने वाली थी। इसे देखते हुए लड़के पक्ष के लोगों से अफसरों ने मोबाइल पर बात की। लड़की के बालिग होने तक एक साल रुकने के लिए समझाया। उनके मानने के बाद लड़की वालों ने मंडप उखाड़ दिया। इसी तरह जरही प्रतापपुर में भी टीम ने 18 साल के एक लड़की की शादी रुकवाई।

लड़की को छिपाकर खुद भी भागे परिजन, सरपंच को बुलाया तब आए सामने
दूसरी ओर केवड़ा प्रतापपुर में भी 17 साल की लड़की की शादी रुकवाई गई। टीम के आने की आशंका पर लड़की को दूसरी जगह छिपा दिया गया था। घरवाले भी दूसरे जगह चले गए थे। सरपंच, सचिव और अन्य ग्रामीणों को बुलाया गया। उनके कहने पर लड़की और उसके परिजन टीम के सामने आए। सभी को समझाइश दी गई। तब घरवाले लड़की के बालिग होने पर ही शादी के लिए राजी हुए।

10वीं की छात्रा की हो रही थी शादी, कार्रवाई की धमकी से रुकी
वहीं ग्राम शर्मा में नाबालिग लड़की की शादी की जा रही थी। ग्राम झांसी से बरात निकलने वाली थी। पता चला कि लड़की 10वीं में पढ़ाई कर रही है। इस पर टीम लड़की के गांव पहुंच गई। परिजनों को जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने समझाया। उन्हें कार्रवाई की धमकी दी। साथ ही बताया कि विवाह की अनुमति देने वाले और शामिल होने वाले सभी पर कार्रवाई की जाएगी। जो सहयोगी होगा, वह भी फंसेगा। इसके बाद परिजन माने।