नई दिल्ली:- WhatsApp की तरफ से दाखिल याचिका पर केंद्र ने कहा है कि सरकार निजता के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही सरकार के पास कानून व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निजता के अधिकार सहित कोई मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं हैं.
सरकार ने कहा कि नए डिजिटल नियम के तहत व्हॉट्सएप को किन्हीं चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है. रवि शंकर प्रसाद ने कंपनी द्वारा उठाई गई चिंता पर कहा कि नए डिजिटल नियमों से व्हॉट्सएप का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा.
उन्होंने नये नियमों को लेकर जताई गई चिंता पर कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा में सोशल मीडिया कंपनियों को उनमें कानूनी तौर पर हस्तक्षेप की अनुमति देनी होती है. आईटी मंत्रालय ने कहा कि व्हॉट्सएप द्वारा दिशानिर्देशों को चुनौती देना नियमों को प्रभाव में आने से रोकने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास है.
बता दें कि फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने सोशल मीडिया नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है. व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि कंपनी ने हाल ही में लागू किए गए आईटी नियमों के खिलाफ 25 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजे गए हर एक संदेश का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है. प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा.
नये सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी. इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं.