शिमला:- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू (Kullu) जिले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के काफिले के जाने के बाद सीएम जयराम ठाकुर की गाड़ी के समक्ष दो पुलिस अफसरों की भिड़ंत से हिमाचल प्रदेश की छवि खराब हुई है. कुल्लू के एसपी गौरव सिंह की छवि को खासा दाग लगा है. गौरव सिंह एक धाकड़ और ईमानदार युवा आईपीएस (IPS) हैं, लेकिन ताजा मामले से उनकी छवि धूमिल हो गई है. उन्होंने ही पहले सीएम सिक्योरिटी इंजार्ज (CM Security Incharge) को थप्पड़ मारा था. हालांकि, बहसबाजी सीएम सिक्योरिटी इंजार्ज ब्रजेश सूद की ओर से शुरू की गई थी.
हिमाचल में सबसे कम उम्र में एसपी बनने वाले गौरव सिंह पहले भी अपने काम के लिए चर्चा में रहे हैं. उन्हें उनकी धाकड़ छवि के चलते ‘सिंघम’ भी कहा जाता है. साल 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी गौरव सिंह पहले भी बद्दी में बतौर एएसपी सेवाएं दे चुके हैं. उनका यह कार्यकाल खनन और नशा माफिया को सबक सिखाने वाला रहा था. इस अधिकारी की कार्यप्रणाली की जनता प्रशंसा करती है तथा बीबीएन के जनप्रतिनिधि और लोग चाहते थे कि वे यहां पर एसपी लगें, ताकि नशा व खनन माफिया पर लगाम लग सके.
गौरव सिंह का जन्म 1 जुलाई 1990 को आगरा में एक साधारण परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम बी. सिंह और माता का नाम किरण देवी है. गौरव शिमला, बद्दी और कांगड़ा में बतौर एएसपी सेवाएं दे चुके हैं और वर्तमान में एसपी कुल्लू थे. अब थप्पड़ कांड के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है.
सोलन जिले के बद्दी में अपने कार्यकाल में गौरव सिंह ने एटीएम से नकदी चोरी, चेन स्नैचिंग और मर्डर के 2 मामलों को भी सुलझाया था. उन्होंने बिना किसी दबाव के यहां पर कार्य किया और एक पूर्व कांग्रेस विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान कर दिया था. तत्कालीन बद्दी में विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान करने के तुरंत बाद सरकार ने कांगड़ा में बतौर एएसपी तैनाती दे थी. विधायक ने उनके तबादले के लिए तीन डीओ नोट सीएम को भेजे थे.
ईमानदारी के लिए पूरे देश में जानी जाने वाली हिमाचल पुलिस के दामन पर कोई धब्बा न लग जाए, ऐसा गौरव सिंह बर्दाश्त नहीं कर सकते और इसीलिए उन्होंने सही ढंग से नौकरी न करने वाले 26 पुलिस व होमगार्ड जवानों पर कार्रवाई की है, जिनमें 22 लाहौल-स्पीति और 4 बद्दी के शामिल थे. बद्दी में बतौर एएसपी गौरव सिंह ने अपने 7 महीनों के कार्यकाल में अवैध खनन के 177 मामले पकड़े और करीब 26 लाख रुपए जुर्माना वसूला था. इसी तरह ड्रग्स के 13 और अवैध शराब के कारोबार के 75 मामले पकड़े थे. बाद में राजनीतिक दबाव के चलते वीरभद्र सरकार ने उनका तबादला कर दिया था.
गौरव सिंह को 30 जून 2017 को तत्कालीन डीजीपी संजय कुमार ने डीजीपी डिस्क आवार्ड से सम्मानित किया था. उन्हें यह अवार्ड वर्ष 2015 में जिला शिमला के बालूगंज में ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने व ओवरआल गुड वर्किंग के लिए मिला था.
कुल्लू में बुधवार को जब सीएम सिक्योरिटी के पीएसओ ने एसपी को लात मारी तो लोगों ने इसका विरोध जताया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग घटना के दौरान कह रहे थे कि एसपी कुल्लू को क्यों मार रहे हो? हालांकि, सोशल मीडिया पर एक वर्ग एसपी के पक्ष में भी समर्थन दे रहा है और कह रहा है कि एसपी ईमानदार और धाक़ड अफसर हैं.