बिलासपुर:- पशु चिकित्सा विभाग में एक अजीबो-गरीब शिकायत सामने आई है। डेयरी संचालित करने वाली महिला ने पशु चिकित्सा विभाग के संचालक को शिकायत दर्ज कराई है कि यहां पदस्थ एक महिला चिकित्सक की ओर से मुफ्त में हर रोज दूध घर पहुंचाने और सब्सिडी राशि जारी करने के एवज में 10 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रही हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए संचालक ने जांच बैठा दी है। संचालक का पत्र मिलते ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

बिल्हा के ग्राम बुंदेला निवासी रूपा अग्रवाल ने चार साल पहले पशु चिकित्सा विभाग में संचालित डेयरी उद्यमिता योजना के तहत डेयरी खोलने के लिए अर्जी दी थी। कागजात के परीक्षण के बाद उन्हें विभाग से राशि प्रदान की गई। इस बीच अचानक आंधी आने के कारण बुंदेला में संचालित डेयरी का शेड उखड़ गया। इन्होंने पशु विभाग के बरतोरी स्थित कार्यालय में सूचना देकर डेयरी गोकुल नगर बिलासपुर में शिफ्ट करने की मांग की। वर्तमान में गोकुल नगर में डेयरी संचालित है।

इस बीच रूपा अग्रवाल की ओर से सब्सिडी की राशि के लिए विभाग में अर्जी दी। इस पर शाखा प्रभारी डा. अर्चना अग्रवाल ने राशि जारी करने से पहले शर्त रखी कि हर रोज उनके घर मुफ्त में दूध पहुंचाएंगी। साथ ही 10 प्रतिशत राशि कमीशन के तौर पर देने होंगे। रूपा अग्रवाल ने इसकी शिकायत पशु चिकित्सा विभाग के संचालक वी माथेश्वरण से की। उन्होंने संयुक्त संचालक डा. आरके सोनवाने से सात दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करने का फरमान जारी किया है।

यह है योजना
पशु चिकित्सा विभाग में डेयरी उद्यमिता योजना का संचालन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पशुधन को बढ़ावा देने के साथ ही दूध का उत्पादन बढ़ाना है। इस योजना के तहत हितग्राहियों को शुरुआत में छह लाख रुपये खर्च कर पशु खरीदने और शेड बनाने में खर्च करने होते हैं। व्यवसाय पूरी तरह जमने के बाद विभाग की ओर से संबंधित हितग्राहियों को छह लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है।

प्रशासनिक अधिकारियों से हो जांच
डेयरी उद्यमिता योजना में अब तक कई गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। जांच में यह भी जानकारी मिली है कि मौके पर ना तो डेयरी मिली और ना ही संबंधित डेयरी संचालक। मामले की जांच अब तक पशु विभाग में सालों से जमे चिकित्सक ही कर रहे हैं। इससे पारदर्शिता नही रह जाती है। अब यह मांग उठने लगी है कि पूरे मामले की जांच प्रशासनिक अधिकारियों से की जाए।

इन्होंने कहा
शिकायत सामने आई है। हमने संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर इस संबंध में जांच कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वी माथेश्वरण
संचालक, पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं