भिलाई:- मध्यप्रदेश की राजगढ़ पुलिस ने भिलाई में नकली नोट बनाने का कारखाना पकड़ा है। यहां से एक आरोपी को पकड़ा गया। उसके पास से 54 लाख रुपए के नकली नोट समेत नोट बनाने वाली सामग्री जब्त की है। पकड़ा गया आरोपी पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। वह 50 लाख रुपए के नकली नोट चला चुका है। इसके अलावा एक करोड़ रुपए के नकली नोट छापने की फिराक में था।
राजगढ़ एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया, 26 जून को जीरापुर के इंदर चौराहे से शंकर व रामचंद्र नाम के दो लोगों को एक लाख रुपए के नकली नोटों के साथ पकड़ा था। दोनों को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की। उनकी निशानदेही पर आगर जिले के आरोपी कमल यादव को पकड़ा। कमल यादव ने पूछताछ के बाद नोटों को छत्तीसगढ़ के भिलाई से लाना बताया गया। साइबर सेल की मदद से ऑपरेशन सीजी के तहत टीम को छत्तीसगढ़ भेजा गया। यहां भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र में दबिश देकर पुलिस ने एक मकान से मास्टरमाइंड को पकड़ा।
एसपी ने बताया, पूछताछ के बाद आरोपी के कमरे की तलाशी ली गई। हालात देखकर पुलिस भी दंग रह गई। यहां नकली नोट छापने का कारखाना चलाया जा रहा था। आरोपी यहां 2000, 500 और 200 रुपए के नकली नोट छापता था। यहां से 54 लाख 37 हजार 200 रुपए के नकली नोट बरामद किए गए। उसके पास से 5 प्रिंटर, 2 पेपर कटर, लैपटॉप, एलईडी मॉनिटर, सीपीयू, लैमिनेटर, वाटर मार्क फ्रेम, नकली नोट फ्रेम, स्पेशल इंक जब्त किया है। नकली नोट में इस्तेमाल करने वाला एक करोड़ रुपए का कागज भी जब्त किया गया है।पड़ताल में खुलासा हुआ, मामले का मास्टरमाइंड इंदौर का रहने वाला है। इससे पहले वर्ष 2003 में नकली नोट छापने के मामले में इंदौर में गिरफ्तार हो चुका है। इसके बाद वह छत्तीसगढ़ में कमरा किराए से लेकर यहां से नकली नोट छापने लगा। आरोपी ने देशभर में अपना नेटवर्क फैला रखा है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह कहां-कहां नोट चला चुका है।
सोशल मीडिया के माध्यम से करता था सप्लाई
एसपी ने बताया कि आरोपी मास्टरमाइंड नोट सप्लाई करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेता था। यूट्यूब समेत अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से लुभावने ऑफर देकर लोगों से संपर्क करता था। एक लाख के नकली नोट 30 हजार रुपए में दे देता था। आरोपी की संपर्क में आए लोग यह नोट मार्केट में चला रहे थे। आरोपी अभी तक अन्य प्रदेशों में 50 लाख से अधिक के नकली नोट सप्लाई कर चुका है।