प्रयागराज:- जवाहर नवोदय विद्यालय मैनपुरी में छात्रा की संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार हो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. मामले में दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को तलब किया गया था. गोयल अदालत में हाजिर तो हुए लेकिन मामले में सफाई न दे सके. इस पर उन्हें कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ी. कोर्ट ने डीजीपी गोयल को कड़े निर्देश दिए कि वे किसी भी हाल में प्रयागराज नहीं छोड़ सकते हैं.
दरअसल मामले में कोर्ट ने छात्रा के फांसी लगा लेने के बाद उसके पंचनामे का वीडियो देखा था. इसमें पुलिस के रवैये पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और डीजीपी गोयल को पूरी तैयारी के साथ गुरुवार को भी कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए.

एसपी मैनपुरी को जबरन करें सेवानिवृत्त
कोर्ट ने पुलिस के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताते हुए डीजीपी गोयल को आदेश दिया कि या तो वे एसपी मैनपुरी को तत्काल प्रभाव से हटा दें या फिर उन्हें जबरन सेवा से निवृत्त कर दें. कोर्ट ने कहा कि छात्रा की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट देखने से ये साफ पता चलता है कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. गले में फांसी के निशान संदेह पैदा कर रहे हैं. कोर्ट ने डीजपी गोयल को सख्त लहजे में कहा कि या तो वे कार्रवाई करें नहीं तो कोर्ट कड़े कदम उठाएगा. अब इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी.
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह की ओर जनहित याचिका दाखिल कर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एम एन भंडारी और जस्टिस ए के ओझा की खंडपीठ कर रही है.

क्या है मामला
गौरतलब है कि जवाहर नवोदय विद्यालय मैनपुरी में कक्षा 11 में पढ़ने वाली एक छात्रा की 16 सितंबर 2019 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. छात्रावास में ही छात्रा का शव मिला था. पुलिस और प्रशासन ने इसे आत्महत्या माना. लेकिन परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 26 सितंबर को राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की भी सिफारिश कर दी थी. आगरा की एफएसएल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.