राजनांदगांव:- छुईखदान ब्लॉक के जंगलपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में टिटनेस के इंजेक्शन लगने के बाद एकाएक छात्रा की तबियत बिगड़ गई। इससे पहले छात्रा को बचाने के लिए इलाज शुरू हुआ, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। बताया जा रहा है कि छात्रा ने टिटनेस इंजेक्शन नहीं लगाने के लिए स्टॉफ नर्स से कहा, लेकिन संक्रमण दूर करने के लिए दबावपूर्वक उसे इंजेक्शन लगा दिया गया। बताया जा रहा है कि बीते माह 27 अगस्त को घोंघा निवासी 16 वर्षीय कामिनी सिन्हा के हाथ में खुजली और दूसरी समस्याएं थी। इसके उपचार के लिए वह उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। वहां पदस्थ शीतल चौहान ने छात्रा कामिनी सिन्हा को टिटनेस का डोज लगा दिया।

बताया जा रहा है कि इंजेक्शन लगने के तीन दिन बाद एकाएक छात्रा की तबियत बिगड़ गई। दो सितंबर को उल्टी होने और चक्कर आने की शिकायत के बाद उसे गंडई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, फिर उसे वहां से रिफर किया गया। परिजनों ने कवर्धा के एक निजी अस्पताल में उसे दाखिल कराया। तीन सितंबर को वहां से भी रायपुर भेज दिया गया। 4 दिन तक रायपुर के एक अस्पताल में इलाज के बाद कामिनी की हालत बिगड़ गई, फिर उसे एम्स में दाखिल किया गया। वहां पर भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सीएमओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने स्टॉफ नर्स को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। परिजनों की ओर से आर्थिक क्षतिपूर्ति की भी मांग की जा रही है।