दुर्ग:- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले गैंग का छत्तीसगढ़ पुलिस ने पर्दाफाश किया है। दुर्ग जिले की पुलिस ने 4 अभ्यर्थी और 2 दलालों को गिरफ्तार किया है। सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली करने वाला यह गिरोह उत्तर प्रदेश का है। रीजनल ट्रेनिंग सेंटर उतई में आरक्षक भर्ती के दौरान बायोमेट्रिक्स टेस्ट के दौरान फर्जीवाड़ा करते पकड़ाए। आधार व अन्य दस्तावेजों की जांच के दौरान इनका न फोटो मैच हुआ और न ही भोपाल आरआरसी से मिले फिंगर प्रिंट। सभी मुन्नाभाइयों को उतई पुलिस के हवाले किया गया है।
दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने खुलासा करते हुए बताया कि पकड़ाने वाले युवकों में एक मध्य प्रदेश के मुरैना का है। वहीं 5 अन्य युवक उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं। सभी ने जीडी आरक्षक भर्ती में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ का निवासी और छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों के नाम पर आधार कार्ड बनवा रखा था। सभी मूल अभ्यर्थी की जगह यह युवक शामिल होने आए थे। चारों युवकों ने फर्जी दस्तावेजों पर लिखित परीक्षा दी और क्वालिफाई कर लिया। उसके बाद फिजिकल के लिए उनकी जगह आगरा के 4 और युवकों को लाया गया था। पुलिस ने आगरा से आए युवकों चंद्रशेखर सिंह, श्यामवीर सिंह, महेंद्र सिंह और अजीत सिंह को पकड़ा है। उनकी निशानदेही पर आगरा के ही मास्टरमाइंड हरिओम दत्त और मुरैना (एमपी) के दुर्गेश सिंह को गिरफ्तार किया है।
परीक्षा पास कराने का 5-5 लाख में ठेका
पुलिस गिरफ्त में आए इन आरोपियों का मुखिया दुर्गश तोमर मुरैना निवासी है। पुलिस को इसने बताया कि इन लोगों ने 5-5 लाख रुपये में सौदा किया था। जीडी आरक्षक भर्ती परीक्षा अलग-अलग चरणों में होती है। इसमें वे मूल अभ्यर्थी की जगह अपने गिरोह के युवक को भेजते थे। परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था। परीक्षा पास कराने का ठेका लेने वाले गिरोह के लोग परीक्षा में बैठे थे। परीक्षा पास करने के बाद अब फिजिकल टेस्ट में दूसरे को भेजे थे।
जांच की गई तब 4 लोग फर्जी निकले
सीआईएसएफ परिसर उतई में बायोमेट्रिक्स के दौरान एक युवक का फिंगर प्रिंट मैच नहीं किया। उसकी फोटो भी गड़बड़ लगी। जब एक-एक अभ्यर्थी की जांच की गई तो कुल 4 लोग फर्जी निकले। इन सभी ने खुद का पता राजनांदगांव जिले का दर्ज कराया था। आधार व निवासी प्रमाण पत्र भी दिया था, लेकिन बायोमेट्रिक्स में पकड़ा गए। फिजिकल परीक्षा से पहले जांच में चारों के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुए। इसके बाद फोटो व दस्तावेजों की जांच की गई।