रायपुर:- जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने राजधानी रायपुर में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) चोरी मामले में बड़ी कार्रवाई की है. फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े एक रैकेट का पर्दाफाश किया है. फर्जी बिल लगाकर जीएसटी चोरी करने वाले रायपुर के दो आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने 8 से अधिक फर्जी फर्म बनाकर करीब 7 करोड़ की जीएसटी (GST) चोरी की है. दोनों आरोपी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.

2020 से चल रहा विशेष अभियान
दरअसल नवंबर 2020 से राजस्व विभाग सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टेक्सेस देश भर में चल रहे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के रैकेट पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चला रही है. जिसमें प्रदेश और देश भर में कई आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा. इसी कड़ी में (जीएसटी) इंटेलीजस, रायपुर ने एक जांच में बड़े रैकेट का खुलासा किया. जिसकी कार्रवाई पिछले 7 महीनों से चल रही थी.

7 करोड़ का GST कर चोरी, 2 गिरफ्तार
GST इंटेलीजेंस महानिदेशालय छत्तीसगढ़ ने फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है. जिसे दो दोस्तों रोहन तन्ना (31 वर्ष) और अभिषेक पाण्डेय (24 वर्ष) मिलकर चला रहे थे. आरोपी 8 से अधिक फर्जी फर्मों को बनाकर लगभग 7 करोड़ का GST कर चोरी कर सरकार को नुकसान पहुंचा रहे थे.

फर्जी फर्मों से जारी करते थे फर्जी बिल
सूत्रों के अनुसार उक्त फर्जी फर्मों से फर्जी बिल जारी कर उनके आधार पर विभिन्न फर्मों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित किया गया. सुराग जुटाने के लिए कई जगह छापेमार कार्रवाई की गई. जिसमें पता चला कि रायपुर स्थित विपिन तन्ना की फर्म मेसर्स जे.आर. ट्रेडर्स के ही ऑफिस से कई विभिन्न फर्मों का संचालन किया जाता है. उन सभी फर्मों के प्रोप्राइटर डमी थे. असल में उन सभी फर्मों को कहीं न कहीं रोहन तन्ना और अभिषेक पाण्डेय ही चलाया जाता था. कई फर्मों को माल बेचना दिखाया, लेकिन कोई भी खरीदी नहीं थी.

14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजे गए आरोपी
GST इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने दोनों आरोपी को गिरफ्तार न्यायालय में पेश किया, जहां से उसको 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में 2 अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया गया है. फर्जी बिल मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और लगभग 150 करोड़ की कर वसूली की जा चुकी है.