नई दिल्ली:- देश के 256 शहरों में अब बिना हॉलमार्क के गोल्ड ज्वेलरी बेचने पर कार्रवाई शुरू हो गई है. नॉन-हॉलमार्क्ड गोल्ड ज्वेलरी रखने वालों पर एक दिसबंर से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) कड़ी कार्रवाई शुरू कर दिया है. देश में नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 सोने के गहनों पर भी लागू हो गया है. देश के कई बड़े शहरों में अब बिना हालमार्क वाली ज्वेलरी बेचते जो भी व्यापारी पाया जाएगा, उसके खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अधिकारी कड़ी कार्रवाई कर सकेंगे. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इस साल 16 जून से इन 256 शहरों में हॉलमार्क्ड ज्वेलरी बेचना अनिवार्य किया था. साथ ही ज्वेलर्स को को 30 नवंबर 2021 तक गहनों के पुराने स्टॉक को हॉलमार्क कराने की छूट दी गई थी. अब इस छूट की अवधि खत्म हो गई है.

आपको अगर 22 कैरेट का सोना बताकर 18 कैरेट का सोना बेचा जाता है तो ज्वेलर्स को जुर्माना और जेल भी हो सकता है. ग्राहकों के साथ हो रही ठगी को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ही नए कानून लेकर आई है. सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्क की व्यवस्था भी अब देश में लागू हो गई है. नया उपभोक्ता कानून लागू हो जाने के बाद अब हॉलमार्किंग के नियम का पालन करना और सख्त हो जाएगा.
हॉलमार्क देखकर ही अब खरीदें सोना
गौरतलब है कि बढ़ते कैरेट के साथ सोने के गहनों की गुणवत्ता और कीमत में अंतर आता है. यानी जितने अधिक कैरेट का सोना होगा उतना ही महंगा होगा. ग्राहक सोना खरीदते समय उसकी क्वालिटी पर जरूर ध्यान देते हैं. केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, ‘ग्राहक जब भी सोना खरीदने जाएं तो हॉलमार्क देखकर ही सोना खरीदें. हॉलमार्क एक तरह की सरकारी गारंटी है और इसे देश की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी तय करती है. हॉलमार्क देखकर खरीदने का यह फायदा है कि अगर आप निकट भविष्य में जब भी इसे बेचने जाएंगे तो आपको कम दाम नहीं मिलेंगे, बल्कि आपको सोने का खरा दाम मिलेगा.

गहनों का पुराना स्टॉक का बहाना अब नहीं चलेगा
केंद्र सरकार की तरफ से पिछले साल 15 जनवरी 2020 को ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई थी. इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने ज्वेलर्स को पहले एक साल का समय दिया था. बाद में इस अवधि को और बढ़ाया गया. ज्वेलर्स को अपना पुराना स्टॉक एक साल में क्लीयर कर लें इसलिए समय और बढ़ाया गया था.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के मुताबिक अब ज्वेलर्स पर एक लाख रुपये का जुर्माना और एक साल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही जुर्माने के तौर पर सोने की कीमत का पांच गुना तक चुकाने का प्रावधान भी किया गया है. अगर गोल्ड ज्वेलरी की शुद्धता को लेकर संदेह होता है तो किसी भी हॉलमार्किंग सेंटर जाकर इसकी जांच करवाई जा सकती है. देशभर में करीब 900 हॉलमार्किंग सेंटर हैं. इनकी लिस्ट आप bis.org.in पर देख सकते हैं. नए नि‍यमों के तहत अब सोने की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग होना अनि‍वार्य होगा. इसके लि‍ए ज्‍वेलर्स को लाइसेंस लेना होगा. केंद्र सरकार 14 कैरट, 16 कैरट, 18 कैरट, 20 कैरट और 22 कैरेट की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है.