कोलकाता:- पश्चिम बंगाल में नारदा घोटाले का मामला एक बार फिर गर्माता दिख रहा है. यहां इस घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने सोमवार को ममता बनर्जी की सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया. अपने मंत्रियों और विधायकों की गिरफ्तारी से भड़कीं ममता बनर्जी से सीबीआई दफ्तर में ही धरने पर बैठ गईं.
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– नारदा केस में पश्चिम बंगाल सरकार के तत्कालीन मंत्रियों की गिरफ्तारी को लेकर कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई शुरू हो गई है. गिरफ्तार टीएमसी नेताओं को वर्चुअल रूप से निजाम पैलेस से कोर्ट के सामने पेश किया जा रहा है.
– टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं की इस तरह गिरफ्तार के बाद से पार्टी कार्यकर्ता सीबीआई दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सीबीआई ऑफिस के बाहर मौजूद भीड़ नारेबाजी और धक्कामुक्की करती दिखी, जिसके बाद वहां दफ्तर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है. इस बीच बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राज्य में अराजकता फैला रही हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने ये गिरफ्तारी कोर्ट के कहने पर की है. क्या टीएमसी को कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है.
#WATCH | Security forces carried out baton charges against TMC protesters outside the CBI office in West Bengal. pic.twitter.com/yfdWmYLmB4
— ANI (@ANI) May 17, 2021
इससे पहले चारों नेताओं को सोमवार सुबह कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई कार्यालय ले जाया गया. इन नेताओं की गिरफ्तारी की खबरें आने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने नेताओं के साथ सीबीआई कार्यालय पहुंच गईं. इस दौरान उन्हें सीबीआई अधिकारियों से यह कहते सुना गया कि वे उन्हें भी गिरफ्तार कर लें.
सीबीआई के अधिकारी ने कहा कि एजेंसी नारदा स्टिंग मामले में सोमवार को गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं समेत पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करेगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, निज़ाम पैलेस के सामने भीड़ को देखते हुए सीबीआई कोशिश कर रही है कि कोर्ट में पेश न करके नेताओं को वर्चुअली या पेपर प्रोडक्शन किया जा सके.
नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था. सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी स्टिंग टेप मामले में अपना आरोपपत्र दाखिल करने वाली है.
हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था. वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे. धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया.
हकीम, मुखर्जी और मित्रा तीनों हालिया विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए हैं. वहीं, भाजपा से जुड़ने के लिए चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी और दोनों खेमे से उनका टकराव चल रहा है.
बता दें कि नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए. यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. (भाषा इनपुट के साथ)