नई दिल्ली:- रुचि सोया के एफपीओ में निवेश के लिए प्रेरित करने वाला एक एसएमएस कंपनी पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. इस SMS को मार्केट रेगुलेटर सेबी ने नियमों का उल्लंघन माना और योग गुरु बाबा रामदेव की इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर दी. सेबी ने निवेशकों के लिए रुचि सोया के एफपीओ से निकलने का ऑप्शन खोल दिया और इसके लिए 30 मार्च तक समय दे दिया.
उम्मीद से कम रहा था सब्सक्रिप्शन
पहले ही उम्मीद से कम सब्सक्रिप्शन से जूझ रही रुचि सोया की मुश्किलें सेबी के इस आदेश के बाद और बढ़ गई हैं. रुचि सोया का एफपीओ (FPO) 28 मार्च को बंद हुआ था और सेबी ने उसी दिन शाम को वापसी के लिए निर्देश जारी किया था. कंपनी का एफपीओ 3.6 गुना सब्सक्राइब हुआ था. सेबी के फरमान के बाद 29 मार्च को निवेशकों में भगदड़ मच गई और इस एफपीओ से निकलने की होड़ लग गई.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी का सब्सक्रिप्शन पहले ही दिन 3.6 गुना से घटकर 2.58 गुना रह गया. इससे निकलने की अंतिम तारीख 30 मार्च है. तब तक इसमें और गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता है. अंतिम आंकड़े 30 मार्च को ही मिलेंगे.
आधे से ज्यादा घटे रिटेल इन्वेस्टर्स
सबसे ज्यादा भगदड़ खुदरा निवेशकों में मची है. उन्होंने पहले ही इससे दूरी बना रखी थी. जिन निवेशकों ने बोलियां लगाई थीं अब वे भी इससे निकल रहे हैं. पहले ही खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित श्रेणी पूरी तरह से भरी नहीं थी. इस श्रेणी में 0.9 फीसदी ही सब्सक्रिप्शन मिला था. अब यह गिरकर 0.4 फीसदी रह गया. अभी तक रिटेल इन्वेस्टर्स ने 1.23 करोड़ बोलियां वापस ली हैं. संस्थागत निवेशकों यानी क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का सब्सक्रिप्शन 2.20 गुना से घटकर 1.6 गुना रह गया है. इन निवेशकों की ओर से करीब 4.95 करोड़ बोलियां वापस ली गई हैं.
रुचि सोया बाबा रामदेव की पतंजलि ग्रुप की कंपनी है. इसके FPO का इश्यू प्राइस 615-650 रुपये तय किया गया था. रुचि सोया देश की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनियों में से एक है.