चरखी दादरी:- यूक्रेन में रूस के साथ जंग जारी है और हजारों भारतीय छात्र भय के बीच स्वदेश वापसी बाट जोह रहे हैं. ऐसे हालातों के बीच चरखी दादरी के गांव झोझू कलां निवासी छात्र दीपक सांगवान घर लौट आया है. घर वापसी के दौरान जहां परिजनों को काफी दौड़-धूप करके यूक्रेन से आने वाली अंतिम फ्लाइट की टिकट का जुगाड़ कर लिया. जिसके कारण ही दीपक सकुशल घर वापस लौट सका.

घर वापसी के बाद दीपक ने यूक्रेन के दोस्तों से वॉट्सऐप कॉल करके वहां के हालात जाने तो उन्होंने भय के इस माहौल के बीच सरकार से वापसी की गुहार लगाई है. बता दें कि दादरी जिले से करीब 20 बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इनमें से एक युवा गांव झोझू कलां निवासी दीपक सांगवान वापस लौटा है. दीपक यूक्रेन के सूमी स्टेट में एमबीबीएस का छात्र है.

दीपक ने बताया कि फिलहाल यूक्रेन में दो दिन से माहौल ज्यादा खराब हो गया है. बच्चे यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में ही नजरबंद हैं. किसी तरह वह दूसरे देश से होते हुए अंतिम फ्लाइट से घर पहुंच पाया है. अब तो एयरबेस व एयरपोर्ट ही ध्वस्त कर दिए हैं. भगवान का शुक्र है कि वह स्वदेश वापस लौट आया. वरना यहां के हालातों को देख लग नहीं रहा था कि जान बच जाएगी.

80 हजार रुपये का टिकट लेकर लौट सका दीपक
दीपक ने बताया कि उसकी यूनिर्वसिटी के साथ ही एक कॉलेज को उड़ा दिया है, छात्रों को बंकरों में रात गुजारनी पड़ रही है. यूक्रेन से लौटे दीपक सांगवान ने बताया कि वह यूक्रेन से दिल्ली तक फ्लाइट लेता था तो किराया 23 हजार रुपये लगता था. मगर अब चार्टर प्लेन तक बुक हो चुके हैं और आने जाने के लिए फ्लाइट भी नहीं मिल रही है. इस कमी के कारण परिजनों ने किसी तरह जुगाड़ करके यूक्रेन से दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 80 हजार रुपये की टिकट लेकर पहुंच पाया हूं.

पिता की आंखें नम हो गईं
बेटे को सकुशल देख पिता की आंखे हुई नमगांव झोझू कलां निवासी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम अपनी बेटे दीपक को लेकर काफी चिंतित थे. हर रोज टीवी व अखबारों में यूक्रेन व रूस के हालातों को देखकर मन घबरा रहा था कि किसी तरह हमारा बेटा वापस घर लौट आए. यूक्रेन से चली अंतिम फ्लाइट दुबई से दिल्ली पहुंचने का जुगाड़ किया, जिसमें दीपक के आने और उसे देख काफी अच्छा महसूस हो रहा है.

कुरुक्षेत्र: यूक्रेन से गांव यारा पहुंचा हरदीप, हालचाल जानने घर पर लगा तांता
रूस और यूक्रेन में जो तनाव की स्थिति बनी हुई है उससे कारण भारत का आने वाला भविष्य भी सहमा हुआ है. देशभर से तकरीबन बीस हजार बच्चे पढ़ऩे के लिए यूक्रेन गए हुए, जिनमें ज्यादातर बच्चे एमबीबीएस की शिक्षा ग्रहण कर डाक्टर बन समाज की सेवा करने का सपना संजोए हुए हैं, अभिभावकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पहले कोरोना की मार अब रूस के वार ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. लेकिन जो बच्चे अपने घर अपने पास लौट आए उनके घर खुशियों का माहौल जरूर बन गया है. हालचाल जानने वालों का भी तांता लगा हुआ है. कुछ ऐसी ही खुशियां और लोगों का तांता यारा निवासी सतबीर शर्मा के घर भी लगा हुआ दिखाई दिया. क्योंकि उसका इकलौता बेटा हरदीप शर्मा यूक्रेन से लौट आया है.