नई दिल्‍ली:- देश में अभी कोविड टीकाकरण चल रहा है और इसी बीच इस बात पर भी जोरों से चर्चा चल रही है कि क्‍या टीकाकरण के बाद बूस्टर डोज भी देने होंगे. इसे लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि अभी इस मसले पर स्टडीज चल रही हैं कि COVID-19 का बूस्टर डोज कितना जरूरी है.

100 फीसदी सुरक्षित नहीं है वैक्‍सीन
वैक्‍सीन की सुरक्षा और बूस्‍टर डोज को लेकर सवाल पूछे जाने पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यदि बूस्टर डोज की जरूरत होगी तो उसकी जानकारी लोगों को दी जाएगी. वैक्सीनेशन अभियान के जरिए हम सभी को इस महामारी से सुरक्षित करना चाहते हैं. बूस्टर डोज पर स्टडीज चल रही हैं. फिलहाल गाइडलाइन का पालन करें, वैक्सीन के दोनों डोज लगवाएं और कोविड से सुरक्षा के उपाय करते रहें. आप गंभीर बीमारी से सुरक्षित हैं लेकिन फिर भी सावधान रहें क्‍योंकि यह 100 प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी नहीं है.’
उन्‍होंने आगे कहा, ‘बूस्टर की जरूरत और उसके समय के बारे में पता चल जाने के बाद, उससे संबंधित गाइडलाइन और प्रावधान लोगों को बता दिए जाएंगे.’

अमेरिकी वैज्ञानिक ने जताई है बूस्‍टर की जरूरत
अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फौसी ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी क्‍योंकि वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा हमेशा नहीं रहेगी. ऐसे में बूस्‍टर डोज लेना जरूरी होगा. बूस्‍टर डोज के लिए समय को लेकर उन्‍होंने कहा है कि वैक्‍सीन के प्रभावी समय को लेकर तमाम रिसर्च चल रही हैं. अभी तक इन वैक्‍सीन के 6 महीने से लेकर 1 साल तक लिए प्रभावी रहने की बात सामने आई है.