नई दिल्ली:- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन और तोड़फोड़ से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के घर पर तोड़फोड़ करने के मामले में गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों को जमानत दे दी है. अदालत ने कहा कि आरोपी 14 दिनों से हिरासत में हैं और अब तक एकत्र किए गए सबूत इस तरह के हैं कि वे इससे छेड़छाड़ नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि जांच के लिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना जरूरी नहीं है. यहां बताना जरूरी है कि निचली अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
हाईकोर्ट के जज आशा मेनन ने मंगलवार को पारित एक आदेश में कहा कि तस्वीरों में पहचाने गए अन्य लोगों को सीआरपीसी की धारा 41 ए (के) के तहत नोटिस जारी किया गया है और वे भी जांच में भाग ले रहे हैं. इस प्रकार जेल में आवेदकों (आरोपी) की निरंतर हिरासत केवल इसलिए नहीं बढ़ाई जा सकती, क्योंकि कुछ जांच अभी भी चल रही है. बता दें कि निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तार आठ लोगों ने राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. केजरीवाल के आवास पर बवाल के बाद इन्हें 31 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले निचली अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कश्यप ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों का जरा भी सम्मान नहीं किया, जिनमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को इकट्ठा होने और विरोध करने का मौलिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का इस्तेमाल करने की कुछ सीमाएं होती हैं और अनियंत्रित तरीके से इसका उपयोग नहीं किया जा सकता.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 30 मार्च को केजरीवाल के आवास के बाहर के दृश्यों में, प्रदर्शनकारियों को पुलिस सुरक्षा घेरे में लापरवाही से घूमते और बूम बैरियर व सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए देखा गया था. बता दें कि 31 मार्च को दिल्ली पुलिस द्वारा चंद्र कांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सनी, जितेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार तिवारी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार को गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि 30 मार्च को भाजपा के युवा मोर्चा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया था और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के बयान को लेकर हंगामा किया था. इसी दौरान अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ की घटना हुई थी. आम आदमी पार्टी ने इसका आरोप भाजपा पर लगाया था. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तो यहां तक कह दिया था कि भाजपा अरविंद केजरीवाल की हत्या करवाना चाहती है.