गांधीनगर:- गुजरात में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में बड़ी उथलपुथल के आसार नजर आ रहे हैं. पाटीदार समाज के बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस में नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए पाटीदार समाज के अपमान का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि गुजरात कांग्रेस में मेरी हालत उस दूल्हे जैसी है, जिसकी शादी के बाद नसबंदी करा दी गई हो.
महज 26 साल की उम्र में प्रदेश कांग्रेस के सबसे नौजवान अध्यक्ष बने हार्दिक ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस में निर्णय शक्ति का अभाव है. केंद्र और प्रदेश में नेता ज्यादा होने के कारण फैसला नहीं हो पाता. पाटीदार नेता नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल किए जाने में हो रही देरी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं के आए दिन मीडिया में बयान आते हैं, इसकी वजह से पूरे पाटीदार समाज का अपमान हो रहा है. यह पाटीदार समाज सहन नहीं करेगा. दो महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने पर फैसला नहीं हो पाया है. कांग्रेस हाईकमान और स्थानीय नेतृत्व को इस पर तुरंत फैसला लेना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हार्दिक पटेल ने कांग्रेस में अनदेखा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमिटी) की किसी बैठक में आमंत्रित नहीं किया जाता. कोई भी निर्णय लेने से पहले वे मुझसे सलाह नहीं लेते हैं, फिर इस पद का क्या मतलब है? गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, हार्दिक दावा करते हैं कि 2015 के स्थानीय चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार समाज के आंदोलन से कांग्रेस को बड़ा चुनावी फायदा हुआ. हार्दिक पटेल पूछते हैं कि उसके बाद क्या हुआ? उनका कहना था कि कांग्रेस में बहुत से लोग मानते हैं कि पार्टी 2019 के बाद हार्दिक पटेल का सही इस्तेमाल नहीं कर पाई. इसकी वजह शायद ये है कि पार्टी में कुछ लोग सोच रहे हैं कि अगले 5-10 साल में मैं उनकी तरक्की में बाधा बन सकता हूं.
हार्दिक पटेल की ये नाराजगी ऐसे समय सामने आई है, जब सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार हिंसा मामले में उन्हें दोषी ठहराए जाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके बाद हार्दिक ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. बता दें कि 2015 में ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद में विशाल रैली की थी. उसके बाद वह गुजरात ही नहीं, देश भर में चर्चा का विषय बन गए थे. मार्च 2019 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की. जुलाई 2020 में उन्हें कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था.
हार्दिक की नाराजगी के बारे में जब गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर से पूछा गया तो उनका कहना था कि मैं हार्दिक से बात करके पता करूंगा कि उनकी नाराजगी की वजह क्या है. ठाकुर ने आगे कहा कि नरेश पटेल को शामिल करने के लिए पार्टी तैयार है. उनसे कई बात बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन ये फैसला उन्हें ही करना है कि वो कांग्रेस में शामिल होंगे या नहीं. फिर कांग्रेस उनका और उनके समुदाय का अपमान कैसे कर सकती है?