रायपुर:- केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसद, स्पौंसरिंग एजेंसी, चेयरमेन समेत तमाम कोटे खत्म कर दिए गए हैं, लेकिन कोविड की वजह से अनाथ हुए बच्चों के लिए अब यहां स्पेशल सीटें रहेंगी। प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में इस कोटे के तहत अधिकतम दस बच्चों को प्रवेश दिया जा सकेगा। इसके लिए कलेक्टर की अनुशंसा जरूरी होगी। साथ ही पीएम केयर पोर्टल में भी संबंधित बच्चे का पंजीयन जरूरी होगा। इसके बगैर उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा। एडमिशन के लिए कुछ दिन पहले गाइडलाइन जारी की गई।
केंद्रीय विद्यालयों की सीटों के आबंटन के लिए लॉटरी होती है। इसके अलावा, पिछले साल तक सांसद कोटा, स्पौंसरिंग एजेंसी, चेयरमेन कोटे से भी बच्चों के दाखिले होते थे। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सभी तरह के कोटे खत्म करने की घोषणा की। नए सत्र 2022-23 से ही इसे अमल में लाया गया। इसी सत्र से कोविड में अनाथ हुए बच्चों के लिए सीटें निर्धारित भी की गई हैं।
किसी भी केंद्रीय विद्यालय में अधिकतम दस बच्चों को प्रवेश मिलेगा। इसी तरह एक स्कूल में किसी कक्षा में दो से अधिक छात्रों का प्रवेश नहीं होगा। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नए सत्र यानी 2022-23 के तहत प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है।
पिछले दिनों केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन मंगाए गए थे। लॉटरी के माध्यम सीटें भी आबंटित की जा चुकी हैं। अफसरों का कहना है जिन्हें सीटें मिली हैं, उन्हें प्रवेश के लिए अवसर दिया गया है। गौरतलब है कि रायपुर जिले में 3 समेत राज्य में कुल 35 केंद्रीय विद्यालय हैं।
कक्षा पहली को छोड़कर किसी भी क्लास में सीटें नहीं
केंद्रीय विद्यालयों की एंट्री क्लास होने की वजह से आमतौर पर कक्षा पहली में ही सीटों की संख्या अधिक रहती है। लेकिन इसके अलावा भी अन्य कक्षाओं में कुछ न कुछ सीटें रहती हैं। जैसे कोई छात्र दूसरे राज्य में चला गया या फिर किसी ने अन्य वजह से स्कूल छोड़ दिया, लेकिन इस बार रायपुर के तीनों केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा पहली को छोड़कर अन्य में एक भी सीटें नहीं थीं।
रायपुर में केंद्रीय विद्यालय डब्ल्यूआरएस, केंद्रीय विद्यालय डीडीनगर और केंद्रीय विद्यालय नया रायपुर में है। डब्ल्यूआरएस के स्कूल में दो पालियों में कक्षाएं लगती हैं। यहां पहली में करीब 320 सीटें हैं। डीडीनगर के स्कूल में 160 और नया रायपुर के स्कूल में 40 सीटें हैं।