कोरबा:- जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतीश पांडे की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं लगातार एक के बाद एक इनके भ्रष्ट एवं संदिग्ध कार्य उजागर हो रहे हैं इसी तारतम्य में डीएमएफ एवं सीएसआर मद से करोड़ों रुपए की गुणवत्ता हीन सामग्रियों की खरीदारी एवं उस में व्याप्त भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत करते हुए शैक्षिक संघ के पदाधिकारियों ने भ्रष्ट कार्यों का पर्दाफाश किया गया है।
जिले में डीएमएफ एवं सीएस आर मद से विभिन्न कल्याणकारी एवं लोकहित की योजनाएं संचालित की जा रही हैं इसी तारतम्य में शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए एवं उत्तम शैक्षणिक वातावरण तथा विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्य सहगामी सामग्रियां एवं उचित पोषण प्रदान करने के लिए कई प्रकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की गई हैं परंतु जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने भ्रष्ट एवं संदिग्ध कार्यकलापों से व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है।
संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापित 13 बिंदुओं की शिकायत में डीएमएफ द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे स्मार्ट क्लास व्हाइट बोर्ड ग्रीन बोर्ड एवं मैग्नेटिक बोर्ड पंखा वाटर प्यूरीफायर आरओ सेनेटरी पैड मशीन सैनिटाइजर विविध बर्तन भाड़े एवं पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकासखंड कटघोरा में संचालित की जाने वाली सोन चिरैया योजना में होने वाले व्यापक भ्रष्टाचार को उल्लेखित किया है।
जिला कलेक्टर से की सूक्ष्म एवं पारदर्शी जांच की मांग
संघ के पदाधिकारियों ने इस संबंध में जिला कलेक्टर से मुलाकात की एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किए जा रहे विविध संदिग्ध कार्य एवं भ्रष्टाचार से अवगत भी कराया इस संबंध में जिला कलेक्टर ने त्वरित जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
विभाग के नामचीन अधिकारी शक के दायरे में
जिला शिक्षा विभाग में डीएमएफ एवं सीएसआर फंड में हुए व्यापक भ्रष्टाचार में जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतीश पांडे के साथ एडीपीओ श्री एमपी सिंह एवं मौखिक रूप से संलग्न शिक्षक श्री वीरू गुप्ता का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
प्रस्ताव एवं मांग पत्र पर बैक डेट में हस्ताक्षर
नाम न छापने की शर्त पर यह भी बताया जा रहा है कि अपने आप को स्वच्छ और सही साबित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दबाव बनाकर विकास खंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य से बैक डेट पर मांग पत्र एवं प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।
हाल ही में प्रदाय किया गए प्रोजेक्टर से आ रही करंट लगने की शिकायते
जिले में विभिन्न प्रकार की डिजिटल सामग्रियों का जिले स्थित विद्यालय में सप्लाई किया गया है परंतु कई जगह पर मशीनों का इंस्टॉलेशन भी नहीं किया गया वर्तमान में सीएसआर मद से प्रदाय किए गए प्रोजेक्टर जिसकी कीमत लगभग ₹180000 है को भी इंस्टॉल नहीं किया गया और जहां जहां यह प्रोजेक्टर चालू किया गया है वहां पर करंट लगने की शिकायतें आ रही हैं।
बहर हाल जो भी हो ऐसा प्रतीत होता है की जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली कि यदि सूक्ष्म एवं पारदर्शी जांच की जाए तो कई बड़े खुलासे हो सकेंगे जिले में शिक्षा विभाग में व्यापक पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया जा सकता है यह देखना होगा कि जिला प्रशासन इस व्यापक भ्रष्टाचार पर कितना संज्ञान ले पाता है।
शिक्षक संघर्ष मोर्चा जिला कोरबा के संरक्षक एवं तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार द्विवेदी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ एवम शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक ओम प्रकाश बघेल, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं मोर्चा के महासचिव तरुण सिंह राठौर ने संयुक्त रुप से बयान जारी कर बताया।