• खेलने कूदने का लो संकल्प, स्वस्थ्य रहने का है यही विकल्प।लॉकडाउन में पनपे तनाव से मुक्ति हेतु आई.पी.एस. व ए.सी.बी के मध्य फुटबॉल मैच का हुआ आयोजन
  • आज के दौर में सब हैं भागदौड़ में व्यस्त। ना खेलने कूदने की वजह से जन्म ले रही बीमारियां समस्त-श्री सुरेश गोप सीनियर सुरक्षा अधिकारी ए.सी.बी.

मानव जीवन में मन को संतुलित रखने के लिये खेल का उतना ही महत्व है जितना दिए में तेल का जिस तरह तेल के बिना दिए कि बाती लंबे समय तक सुंदरता से प्रज्वलित नहीं हो सकती बिल्कुल उसी तरह खेल के बिना जीवन नीरस सा होता है, व खेल जीवन को रंगीन व उमंग उत्साह से भर देता है। लॉक डाउन के दौरान फिजिकल व मेन्टल हेल्थ को स्वस्थ्य रखने हेतु एक्सरसाइज योगा व खेल का जीवन मे समन्वय अत्यंत आवस्यक है। शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिये खेल को जीवज शैली में शामिल करने की आवस्यकता है। खेल ना केवल बच्चों के लिये होता है बल्कि खेल हर उम्र के लिये होता है। क्योकि यह मन एक बच्चा है। जिसे मनोरंजन हेतु कुछ तो चाहिए। खेल से जीवन तनाव मुक्त बनता है। सर्व विदित है कि पिछले कितने ही महीनों से हम कोविद 19 त्रासदी को लेकर घरों में लॉक डाउन हैं। जिस दौरान मानसिक तनाव का सामना प्रत्येक को करना ही पड़ा है। तो विद्यार्थियों को तनाव मुक्त करने के उद्देश्य से उनके जीवन मे उमंग के रंग खुशहाली के रंग पुनः भरने के उद्देश्य से पुराने बीते समय को फुलस्टॉप लगाकर उनके बारे में सोच सोच कर परेशान होने से बेहतर यही है कि समय के अनुसार स्वयं को ढालकर कोविद 19 हेतु जारी गाइडलाइन का पालन करते हुवे अपने तनाव मुक्ति के उपाय तलाशें जिस मकसद से ही आई.पी.एस. दीपका व एसीबी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मध्य कोविद 19 के गाइडलाइन्स का पालन करते हुवे फुटबॉल मैच का आयोजन रखा गया।

इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बतलाया कि लॉक डाउन के दौरान कोविद 19 पेंडेमिक की वजह से सबके जहन में भय, अनिश्चितता की वजह से मन तनावपूर्ण हो चला व घर पर केवल टीवी मोबाइल के सहारे समय व्यतीत करते करते मन नेगेटिव इनफार्मेशन का अंबार हो गया नतीजतन मानसिक शांति तो प्रभावित हुई ही साथ ही फिजिकल कार्य नगण्य होने की वजह से शारीरिक अस्वस्थ्यता भी आने लगी थी इससे निजात पाने के लिए खुद की खुशी खेल के माध्यम से वापस पाने के लिये, जीवन को पुनः पटरी पर लाने के लिये फुटबॉल मैच का आयोजन इंडस पब्लिक स्कूल दीपका व एसीबी के मध्य रखा गया जिसमें एसीबी की तरफ से टीम में कप्तान जगन मिंज के दिशा निर्देश में टीम के अन्य सदस्य जैसे कि सोमनाथ, मदन तांती, मोंगरा, राजू, सुमन मिंज, विजय यादव, व नरसिंग वहीं इंडस पब्लिक स्कूल की तरफ से कप्तान गौतम पटेल के नेतृत्व में संतोष नायक, शंकर बहादुर, कपिल एक्का, बादल, राजू, नवीन एक्का, सोनो राम टीम में शामिल रहे कोविद 19 पेंडेमिक के मद्देनजर दोनों ही टीमों में सात सात प्लेयर ही रहें जिन्होंने सेनेटाइजर के उपयोग कर पहले सेनेटाइज किये, वहीं दूरी बनाए रखने के नियम भी फॉलो करते रहे सभी विद्यार्थी 6 महीनों पश्चात घर से बाहर खुले आसमान के नीचे प्रकृति की गोद मे हरे हरे घांसों के बीच ड्रेसअप होकर खेल आरम्भ किये जिसमे एसीबी इंडिया के मदन व राजू नें एक एक गोल किये वहीं इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के संतोष नाइक, कपिल एक्का गौतम पटेल तीनों ही खिलाड़ियों ने एक एक गोल दागकर कुल 3 गोल किये और इस तरह से इस थ्री लीग टूर्नामेंट के प्रथम दिवस में इंडस पब्लिक स्कूल एक गोल से विजयी घोषित किया गया।

आगे इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि यह जीवन एक खेल की तरह है। जिसमें हम सभी खिलाड़ी हैं और हमें इस जीवन रूपी खेल को एक खिलाड़ी की तरह ही खेलना चाहिए हम इस जीवन रूपी खेल में कितने तन्मयता से उमंग व उत्साह के साथ अपना 100 प्रतिशत देते हुवे अपना किरदार निभाते हैं। वह मायने रखता है। जैसे खेल खेलते वक़्त खिलाड़ी पर सबकी नजर रहती है। यह बात खिलाड़ी को भी पता होती है कि सबकी नजर उस पर है तो वह ग्राउंड में किसी तरह के बेईमानी नहीं करता बिल्कुल उसी तरह प्रैक्टिकल जीवन मे भी हमें यही सोचकर हर कर्म करना चाहिए की कोई हमें देख रहा है। व पूरी ईमानदारी से अपना कर्म करना चाहिए। हमें अपने जीवन मे अपनी भूमिका इस तरह निभानी चाहिए कि जब जीवन रूपी खेल खत्म हो तो पर्दा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें। जीवन मे हमारे द्वारा किये गए कर्म ही लोगों के जहन में याद बनकर रहते हैं। इसलिय अपने कर्मों को इतना श्रेष्ठ तरीके से निभाएं की लोग उन कर्मों को फॉलो करें। जिस तरह फुटबॉल के मैदान में गोल होता है बिल्कुल उसी तरह हमें हमारे जीवन में अपने जिंदगी की गोल सेट करने चाहिए फिर इस गोल को प्राप्त करने के लिए पूरी एकाग्रता से आत्मविश्वास से तन्मयता से डटकर बस भीड़ जाना चाहिए यह नहीं सोचना चाहिए की गोल अचीव होगा या नहीं जिस तरह खेल खेलते वक्त हम बस गोल करने का लक्ष्य रखते हैं। उस वक़्त हम यह नहीं सोचते कि गोल होगा या नहीं होगा हम बस खेलते हैं। अपना 100 प्रतिशत देते हैं। बिल्कुल उसी प्रकार अपने वास्तविक जीवन में भी हमें वैसा ही व्यवहार करना चाहिए। अपने लक्ष्य को लेकर हमें दृढ़ संकल्प करना चाहिए और फिर अंत तक डटे रहना चाहिए। जिस तरह किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये टीम स्पिरिट की जरूरत होती है। तो हमें फुटबॉल से वह टीम स्पिरिट की प्राप्ति होती है। हम जब कोई कार्य का बीड़ा एकेले ही उठाते हैं। तब हममे कई गुणा मेहनत करनी पड़ती है। वहीं जब हम उसी कार्य को टीम के साथ करते हैं। तो कार्य छोटे छोटे हिस्से में सबमें बंट जाने से सबपर बोझ कम पड़ता है। व कार्य भी जल्दी हो जाता है। फुटबॉल ग्राउंड में गोल करने के लिए जिस तरह पैशन व एकाग्रता की जरूरत पड़ती है। ठीक उसी प्रकार विद्यार्थी जीवन मे हमे फाइनल एग्जाम रूपी गोल में अच्छे मार्क्स लाकर गोल अचीव करने के लिये अपने मन मे वह जोश वह बुद्धि की एकाग्रता जरूरी है एकाग्रता नाहोने से लक्ष्य से भटक जाते हैं।जिस तरह फुटबॉल खेलने के लिये उमंग व उत्साह तथा आत्मविश्वास की जरूरत पड़ती है। उसी तरह विद्यार्थी जीवन मे भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उमंग उत्साह व आत्मविश्वास की आवस्यकता पड़ती है। जिस तरह खेल में कभी जीत कभी हार लगी रहती है पर उस जीत हार में हमें अपने मन की स्थिति विचलित नहीं होने देना चाहिए। क्योंकि जीवन रूपी खेल में यह जीत हार आते रहेंगे पर हर परिस्थिति में हमें अपने मन की स्थिति अचल अडोल रखनी है, मानसिक व एमोशनली शशक्त बने रहना पड़ता है। इस तरह से फुटबॉल मैच व जीवन मे बड़ी ही समानता है। विद्यार्थियों को आज फुटबॉल के बहाने जीवन के वास्तविकता से रूबरू करवाने के लिए फुटबॉल मैच का आयोजन करवाया गया था। जिसमे भले ही इंडस पब्लिक स्कूल ने 1 गोल से एसीबी के खिलाड़ियों से विजयी हुवे पर यहां उद्देश्य जीवन रूपी खेल को करीब से सीखने का था

वहीं एसीबी के सीनियर सुरक्षा अधिकारी श्री सुरेश गोप जी ने अपने वक्तव्य में समाज को सम्बोधित करते हुवे कहा कि खेल हमारे जीवन में अत्यंत ही आवस्यक है। लॉक डाउन के दौरान कोविद 19 के संक्रमण से बचाव के लिये शरीर के प्रतिरोधक क्षमता का स्वस्थ्य होना अत्यंत आवस्यक है। ऐसे कंडीशन्स में लोगों को चाहिए कि वह डेली वर्कआउट करें, जॉगिंग करें रनिंग करें, अपने पसंदीदा आउट डोर गेम खेले, हेल्थी रिचड फूड का सेवन करें रात में जल्दी सोएं, सुबह जल्दी उठें तीनों वक़्त समय पर भोजन करें 8 घण्टे की नींद लेवें, फिजिकल हेल्थ के साथ साथ हमें अपने मेन्टल हेल्थ की भी केयर करने की जरूरत है। क्योंकि स्वस्थ्य तन व स्वस्थ्य मन का आपस मे कनेक्शन है। मन स्वस्थ्य तो तन स्वस्थ्य तन स्वस्थ्य तो मन स्वस्थ्य जब दोनों स्वस्थ्य तो जीवन के हर पल खुशहाल, अक्सर लोग खुशियां बाहर ढूंढते रहते हैं। जबकि खुशी बाहर नहीं बल्कि अंदर है। अगर हमारा शरीर व मन स्वस्थ्य नहीं तो बाहर की कोई व्यक्ति, वस्तु, परिस्थिति हमें खुशी नहीं दे सकती क्योंकि खुशी का अनुभव हमें मन से ही करना होता है इसलिए कहा कि मन स्वस्थ्य और तन स्वस्थ्य तब जीवन खुशहाल नजर आने लगता है। आजकल लोग जवानी में ही बुढ़ापे के शिकार हो रहे हैं जो लक्षण पहले 60 में नजर आते थे आज वह लक्षण 8 में नजर आने लगे हैं। 8 वर्ष की आयु में ही लोगों को चश्मे लगने लगे हैं। बाल सफेद होने लगे हैं। एक तो खानपान दूसरा फिजिकल मूवमेंट का कम होना यह कारण है इस तरह से जीवन शैली में खानपान बेहतर व समय पर ना होने की वजह से तथास शारीरिक परिश्रम नगण्य होने की वजह से लोग अस्वस्थ्य रहने लगे हैं। लोगों के बीच खेल को लेकर जागरूकता लाने के उद्देश्य से तथा लॉक डाउन के सड़में से समाज को उबरने हेतु एक मार्ग प्रसस्त करने के मकसद से आज एसीबी व आईपीएस के मध्य फुटबॉल मैच का आयोजन रखा गया था

आगे सोसाइटी को संबोधित करते हुवे डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान हममे से प्रत्येक का मन अप डॉउन की अवस्था से होकर गुजरता रहा है। ऐसे में हम यदि इस समय को साक्षीभाव से जीवन व्यतीत करें तो सामने आई त्रासदी का प्रभाव हमारे मन की स्थिति को प्रभावित नहीं करेगा। जिस तरह से फ़ुटबॉल ग्राउंड में गोल कीपर का कर्तव्य होता है। अपनी ओर आते बॉल को किसी भी तरह से रोकना वैसे ही हमें खेल के माध्यम से अच्छे खानपान के माध्यम से अपनी इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाये रखना है। जिससे कि हम इस कोविद 19 पेंडेमिक का ठीक उसी तरह सामना कर सके जैसे एक गोल पोस्ट पर खड़ा गोल कीपर फुटबॉल से गोल पोस्ट को बचाता है। हमें हार नहीं मानना है। यह ज्ञात हो कि कोविद 19 नामक यह परिस्थिति बाहर है। जिस पर हमारा कोई नियंत्रण नही पर परिस्थिति की वजह से अपने मन की स्थिति विचलित नहीं होने देनी है। क्योकि अपने मन के मालिक हम हैं। हमें अपने मन की अवस्था को ऊंचा बनाये रखना है जिससे कि एक दिन यह सामने आई परिस्थिति भी बदल जाये कोविद 19 के नियमों का पालन करते रहिए, घर पर रहिए सुरक्षित रहिए, अन्य कई राज्यों में तो स्कूल भी शुरू हो गए हैं। यही कामना करते हैं छत्तीसगढ़ के हालात जल्द सुधरे व सबका जीवन पुनः पटरी पर आजाये