- बापू के स्वक्ष भारत के सपने को साकार करना यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि हैं – डॉ संजय गुप्ता आई.पी.एस. दीपका
आई.पी.एस. दीपका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतलाया कि इंडस पब्लिक स्कूल दीपका द्वारा स्वक्षता क्रांति अवार्ड से सफाई मित्रों को किया गया सम्मानित जिन्होंने मानसून में भी पूरे समर्पण व सेवा भाव से स्कूल के आसपास के वातावरण को स्वक्ष, हरा भरा, रखने में भूमिका निभाई, जिनकी वजह से हम सुकून से जी पाते हैं, हम सबको ज्ञात है कि स्वक्षता हम मानव के लिये कितनी जरूरी है। फिर चाहे वह मानसिक स्वक्षता हो या बाहरी वातावरण में अपने आसपास की स्वक्षता, गंदगी में रहना किसी मानसिक रूप से स्वस्थ्य मनुस्य को पसंद नहीं होगा, स्वक्षता हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखती है। जहां गंदगी होती है। वहां बीमारियों का अंबार होता है। भारतीय संस्कृति व सभ्यता में भी विचारों के साथ साथ स्थूल स्वक्षता पर भी अत्याधिक फ़ोकस किया गया है। पहले घर भले ही मिट्टी के हुवा करते थे पर घर के अंदर व बाहर सफाई हुवा करती थी। एक दशक पूर्व पर अगर गौर फरमाएं तो भारत मे लोग स्वक्षता को लेकर उतने जागरूक नहीं थे सरकारी आफिस या सौचालय पान के धब्बों से रँगी होती थी। जब कोई ना देख रहा हो तब चुपके से कचरा फैलाना लोगों की मानसिकता बन चुकी थी पर गांधी जी का स्वक्ष भारत का सपना अब तनिक धरातल पर नजर आने लगा है। लोग स्वक्षता को लेकर जगरुक्त हुवे हैं गली गली सफाई होती नजर आ रही है। आसपास गंदगी फैलाना मानसिक गंदगी की निशानी है जिनके विचार नकारात्मक होते हैं वह अपने आसपास स्वक्षता नहीं रख पाते, स्वक्षता बाहर तब नजर आती है जब विचार स्वक्ष हों चूंकि गांधी जी जैसा अंदर थे वैसे ही बाहर अंदर बाहर एक समान उनका व्यवहार भी बिल्कुल ऐसा ही था, उन्होंने भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलवाई तो सत्य व अहिंसा के पथ पर चलकर जिसके लिये विचारों का सर्वश्रेष्ठ होना अत्यंत आवस्यक है। और विचार सर्वश्रेष्ठ तब होते हैं जब मानसिक स्वक्षता हो वैचारिक स्वक्षता हो। अगर हमारे मन के अंदर नकारात्मकता फैली हो तो हम चाहकर भी पॉजिटिव विचार उत्पन्न नहीं कर सकते, आज भारत में लोग स्वक्षता को लेकर इतने जगरुक्त हुवे डिजिटल मीडिया के आने से लोग गंदी जगहों की तस्वीरें जब सोशल साइट्स पर डालना शुरू किए तो जिम्मेदार अफसरों ने शर्मिंदगी महसूस करते हुवे अपनी जिम्मेदारी निभाना शुरू किए, जिससे स्वक्षता में बढ़ोत्तरी हुई, इस तरह से डिजिटल मीडिया ने भी स्वक्षता में अच्छा खासा योगदान प्रदान किया, पहले सुस्त व्यवस्था व अनुसाशन हीनता की वजह से गंदगी का अंबार फैला रहता था, हमे इसी तरह अपने निवास स्थान अपने कार्य स्थान व अन्य सभी सार्वजनिक स्थानों को स्वक्ष बनाये रखने में योगदान प्रदान करते रहने चाहिए, हमें जहां कहीं भी कचरे नहीं फेंकने चाहिए, चूंकि जैसा हम करेंगे हमें देख अन्य भी वैसा ही करेंगे इसलिये, अगर हम कचरा फैलाएंगे तो हमें देख हमारे सबन्ध संपर्क के लोग भी कचरा फैलाने में नहीं कतराएंगे अगर हम एहतियात बरतेंगे तो निश्चित ही हमें देख हमारे सम्बन्ध संपर्क के लोग भी एहतियात बरतेंगे
आगे इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने बतलाया कि गांधी जयंती व लाल बहादुर शास्त्री जी के बर्थ एनिवर्सरी के अवसर पर दीप जलाकर माल्यार्पण कर उनके सद्कर्मों को याद करते हुवे उनकी तस्वीर के समक्ष स्वक्षता बनाये रखने का संकल्प लिया गया, इस दौरान आई.पी.एस. की ओर से प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता द्वारा सफाई मित्रों को उनके सेवा तथा समर्पण भाव से सफाई किये जाने हेतु सम्मानित किया गया जिन्हें सम्मानित किया गया उनके नाम इस प्रकार हैं। केशव यादव, रानी यादव, सुनील गंडारे, अंजोरा कंवर, अनिता कंवर, विमला कंवर, गोविंदा, कृपाल सिंह, योगेंद्र सिंह इस तरह से विद्यालय के सफाई मित्रों के सम्मान उपरांत उनके उत्साह वर्धन हेतु दो शब्द प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि आप लोगों ने कोविद 19 त्रासदी के दौरान भी अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल के आसपास के वातावरण को स्वक्ष बनाये रखने में जो योगदान प्रदान किया उसके लिये आप सभी को सुक्रिया व आपकी सेवा तथा समर्पण भावना का सम्मान करते हुवे स्वक्षता क्रांति अवार्ड से आप सभी आप सभी का सम्मान करते हैं साथ ही एक एक गिफ्ट के पैकेट प्रत्येक सफाई मित्रों को दिए गए इस तरह से आईपीएस दीपका प्रांगण में गांधी जयंती के अवसर पर यह छोटा सा मगर अत्यंत ही महत्वपूर्ण आयोजन सम्पन्न हुवा महत्वपूर्ण इसलिय क्योकि कोविद 19 त्रासदी के दौरान हमे स्वक्षता बनाये रखनी है नजे6 केवल कोविद 19 के दौरान बल्कि बाद में भी ताकि विभिन्न तरह के बीमारियों से बचे रहें तन स्वास्थ्य रहें मन स्वस्थ्य रहे