पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार गरीब बाइक और स्कूटर चालकों को पेट्रोल 25 रुपए प्रति लीटर सस्ता देगी। राशन कार्डधारी ऐसे ग्राहक अधिकतम 10 लीटर पेट्रोल डीजल पर यह लाभ ले सकते हैं। हालांकि, पेट्रोल पंप पर उन्हें पूरी कीमत देनी होगी और राज्य सरकार डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सब्सिडी की राशि खाते में भेजेगी। सरकार के दो साल पूरे होने मुख्यमंत्री ने यह ऐलान किया है।
पेट्रोल-डीजल के मूल्य में लगातार इजाफा हो रहा है, इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसलिए सरकार ने राज्य स्तर से दुपहिया वाहन के लिए पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹25 की राहत देगी, इसका लाभ 26 जनवरी 2022 से मिलना शुरू होगा:- श्री @HemantSorenJMM pic.twitter.com/MsinoGS60Y
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) December 29, 2021
मुख्यमंत्री कार्यलाय की ओर से ट्वीट किया गया, ”पेट्रोल-डीजल के मूल्य में लगातार इजाफा हो रहा है, इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसलिए सरकार ने राज्य स्तर से दुपहिया वाहन के लिए पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹25 की राहत देगी, इसका लाभ 26 जनवरी 2022 से मिलना शुरू होगा।” सरकार की ओर से बताया गया कि यदि कोई राशन कार्डधारी अगर अपनी गाड़ी में पेट्रोल भराता है तो झारखंड सरकार प्रति महीने 10 लीटर तक के पेट्रोल पर 25 रुपए प्रति लीटर यानी 250 रुपए उनके अकाउंट में कैश ट्रांसफर करेगी। कुल मिलाकर गरीबों को स्कूटर/बाइक में पेट्रोल भराने पर प्रति महीने अधिकतम 250 रुपए का लाभ मिलेगा।
दूसरे राज्यों की सरकारों पर बढ़ेगा दबाव, चुनाव में भी चलेगा दांव
झारखंड सरकार के इस फैसले के बाद देश के कुछ और राज्यों में इस तरह की मांग उठ सकती है। दरअसल लंबे समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर कहा जाता रहा है कि इसमें गरीबों को राहत मिलनी चाहिए। आमतौर पर कमजोर वर्ग के लोग दुपहिया वाहनों का इस्तेमाल अधिक करते हैं। ऐसे में झारखंड सरकार ने अपने इस फैसले से उन वर्गों को साधने का प्रयास किया है। 25 रुपये प्रति लीटर की बड़ी राहत देने का दांव हेमंत सोरेन सरकार के लिए चुनाव में भी ट्रंप कार्ड साबित हो सकता है। बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती की थी। हालांकि इसके बाद भी यह कहा जा रहा था कि कीमतें काफी ज्यादा हैं गरीब तबकों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।