कोरबा/पाली:- कटघोरा वनमंडल के पाली वनपरिक्षेत्र में तत्कालीन पदस्थ रहे परिक्षेत्राधिकारी प्रहलाद यादव द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट्राचार का ऐसा कीर्तिमान रचा गया कि पौधारोपण, तालाब- डबरी, बोल्डर चेकडेम, स्टॉफडेम, डब्ल्यूबीएम पहुँचमार्ग निर्माण कार्य की आड़ में दोनों हाथों से धन बटोरते हुए धरातल पर होने वाले तमाम कार्यों की बखिया उधेड़कर रख दी गई जिनकी बदहाली वर्तमान में देखने को मिल रही है।जिसका एक उदाहरण ग्राम कोडार के आश्रित ग्राम दुमदुमी से कुछ दूरी पर स्थित बेसराबहार नाला पर निर्मित तालाब में देखने को मिला जहां बीते वर्ष 2019 में लाखों की लागत से निर्माण कराया गया तालाब 3 माह भी नही टिक पाया और पहली बारिश में पानी के बहाव से तालाब का मेढ़ फूटकर बह जाने से उसमें पानी नही रुक रहा।भू संरक्षण एवं वन्य प्राणियों के प्याऊ व्यवस्था के साथ- साथ ग्रामीण कृषकों को लाभ मिल सके इसके लिए कटघोरा वनमंडल द्वारा बेसराबहार नाला में तालाब निर्माण के लिए पाली परिक्षेत्र को लाखों की स्वीकृति दी गई थी लेकिन उक्त निर्माण कार्य परिक्षेत्राधिकारी प्रहलाद यादव के भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गई और प्रशासनिक मापदंड के विपरीत कराए गए कार्य के परिणामस्वरूप लाखों का तालाब आज औपचारिता मात्र बनकर रह गया है। यही एकमात्र कार्य नही है जिसमे रेंजर श्री यादव द्वारा भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया गया हो बल्कि इसके अतिरिक्त उनके द्वारा अपने कार्यकाल में कराए गए समस्त कार्यों में भारी भ्रष्ट्राचार को अंजाम देते हुए अनैतिक रूप से मनमाना धन अर्जित किया गया और आज वे करोड़ो रूपये के आसामी बन बैठे है। तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव के पाली में पदस्थापना कार्यकाल के दौरान कराए गए समस्त कार्यों की सूक्ष्म जांच की महती आवश्यकता है।जिसमे अनेकों भ्रष्ट्राचार उजागर होंगे।

कार्य मे नियोजित मजदूरों का मजदूरी भुगतान लंबित
उक्त तालाब निर्माण के कार्य को जेसीबी मशीन से कराए जाने के अलावा राजकुमार, हेमराज, कार्तिकराम सहित लगभग 2 दर्जन आसपास के ग्रामीण मजदूर भी नियोजित किये गए थे।मार्च से जून के मध्य लगभग डेढ़ माह चले तालाब निर्माण के कार्य मे मजदूरों ने जमकर पसीना बहाया लेकिन उन्हें आज पर्यन्त समय तक मेहनताना नही मिल पाया है और वे मजदूर अपने- अपने मेहनत का हक पाने विभाग का चक्कर काट रहे है।