नई दिल्ली:- कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार मनाया जाएगा. इस बार धनतेरस 13 नवंबर को है. इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि इस दिन यम देवता की पूजा करन से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. इस दिन यम देवता के लिए दीपदान करने का खास महत्व होता है.

यमदेवता के लिये दीपदान
धनतेरस के दिन यमदेवता के नाम पर एक दीपक जलाने की परंपरा है. मृत्यु के देवता यम की दिशा दक्षिण मानी जाती है. इसके लिए धनतेरस के दिन शाम को दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके दीपक जलाया जाता है और इसे यम देवता को समर्पित किया जाता है. इसके बाद इस दीपक को घर की दहलीज पर रखा जाता है. ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय टल जाता है.

दीपदान का मुहूर्त
दीपदान के लिए इस साल धनतेरस के दिन  शुभ मुहूर्त का समय 1 घंटा 20 मिनट का है. धनतेरस की शाम को 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक यमराज के लिए दीपक जलाया जा सकता है.

धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं झाडू
पुराणों में झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। झाड़ू को सुख-समृद्धि में वृद्धि और दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाला बताया गया है। कहते हैं कि झाड़ू से घर में दरिद्रता नहीं आती है। मान्यता है कि घर में हर दिन झाड़ू लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।