फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने यूट्यूब पर अपनी फिल्म ‘एक हसीना थी एक दीवाना था’ के कॉपीराइट उल्लंघन को रोकने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया है. सुनील दर्शन ने आरोप लगाया है कि वीडियो प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स उनके विशेष कॉन्टेंट को मॉनीटाइज कर रहे हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है. फिल्म मेकर ने अपनी एफआईआर में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और इसके कई कर्मचारियों का नाम लिया है.
सुनील दर्शन ने ईटाइम्स से बातचीत के दौरान कहा, ‘मेरी फिल्म, जिसे मैंने कहीं भी अपलोड नहीं किया है और दुनिया में किसी को भी नहीं बेचा है, यूट्यूब पर लाखों बार देखी गई है. मैं उनसे (गूगल) इसे हटाने का अनुरोध करता रहा, पर भटकाव के सिवा कुछ नहीं मिला. मैं बहुत निराश हो गया. मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था. मुझे अदालत जाना पड़ा.’
कोर्ट ने पुलिस को दिया था एफआईआर दर्ज करने का आदेश
वे आगे कहते हैं, ‘सौभाग्य से कोर्ट ने मेरे पक्ष में आदेश दिया और पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. एक बिलियन से ज्यादा उल्लंघन के मामले हैं और मेरे पास उनमें से हर एक का रिकॉर्ड है. यह उन लोगों के बारे में है जो दावा करते हैं कि वे कानून का पालन करते हैं और अब उनके पास कोई सिस्टम नहीं है. सुनील दर्शन टेक्नोलॉजी के नुकसान के बारे में कहते हैं, ‘मेरे वीडियो से कमाई करने वालों को फायदा हो रहा है. मैं टेक्नोलॉजी को चैलेंज नहीं कर रहा हूं, पर इसके दुरुपयोग की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं.’
सुनील दर्शन के वकील ने समझाया मामला
सुनील दर्शन के वकील आदित्य ने केस को कानूनी नजरिए से समझाया, ‘फिल्म ‘एक हसीना थी एक दीवाना था’ के ऑडियो-विजुअल और ऑडियो अपलोड होने से, यूट्यूब और उनके अधिकारियों ने इनटैलेक्चुअल प्रोपर्टी की मार्केटेबिलिटी को न सिर्फ काफी कम कर दिया है, बल्कि फिल्म के ऑडियो-विजुअल और ऑडियो की वैल्यू को भी घटाया है. लेकिन, यूट्यूब (YouTube) ने कॉन्टेंट दिखा कर विज्ञापनों और अन्य सोर्स के जरिए हुए मुनाफे से गलत तरीके से खुद को समृद्ध किया है.’
सुनील दर्शन ने कई बार की थी शिकायत
वकील आगे कहते हैं, ‘सुनील दर्शन ने यूट्यूब/गूगल और उनके अधिकारियों से कई बार शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया और उनके इनटैलेक्चुअल प्रोपर्टी अधिकारों का अवैध तरीके से इस्तेमाल करके भारी मुनाफा कमाना जारी रखा.’