हरियाणा:- हरियाणा के जींद में सिविल अस्पताल से चोरी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां बीती रात एक चोर ने करीब 12 बजे कोरोना वैक्सीन की कई सौ डोज चुरा ली. लेकिन गुरुवार को चोर सिविल लाइन थाने के बाहर एक चाय वाले को सारी दवाएं लौटा गया और साथ में एक नोट भी लिखकर छोड़ गया. जिस पर लिखा है- सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की वैक्सीन है.

जींद पुलिस के डीएसपी जितेंद्र खटकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात करीब 12 बजे सिविल अस्पताल से कोरोना की कई डोज़ चोरी हो गई थी. लेकिन गुरुवार को दिन में करीब 12 बजे चोर सिविल लाइन थाने के बाहर चाय की दुकान पर बैठे बुजुर्ग के पास पहुंचा और उसे एक थैला सौंपते हुए कहा कि ये थाने के मुंशी का खाना है. थैला सौंपते ही चोर वहां से फरार हो गया.

बुजुर्ग वो थैला लेकर थाने में पहुंचा. जब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने थैले को खोला तो उसमें से कोविशील्ड की 182 वाइल और कोवैक्सीन की 440 डोज बरामद हुई. साथ में हाथ से कॉपी के पेज पर लिखा हुआ एक नोट भी बरामद हुआ. जिसमें लिखा था ‘सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की वैक्सीन है.’

डीएसपी जितेंद्र खटकड़ ने कहा कि हो सकता है चोर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के चक्कर में कोरोना वैक्सीन चुरा ली हो. हालांकि अभी तक चोरों के बारे में कोई जानकारी पुलिस को नहीं मिली है. पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 457 और 380 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. अब पुलिस कह रही है कि चोर की पहचान के बारे में कुछ सुराग हाथ लगे हैं.

जानकारी के मुताबिक लगभग 12 घंटे तक फ्रिज से बाहर रही कोरोना की ये वैक्सीन और डोज प्रयोग के लायक हैं या नहीं, इस बारे में सिविल सर्जन ने मुख्यालय से गाइडलाइन मांगी है.

सिविल अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. बिमला राठी ने सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कोरोना वैक्सीन के जिला भंडारण के साथ पीपी सेंटर में वैक्सीनेशन बूथ बनाया हुआ है. वीरवार सुबह स्वीपर सुरेश कुमार सफाई करने पहुंचा तो दरवाजे के कुंडे टूटे हुए थे और वैक्सीन स्टोर खुला हुआ था.

स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा, पीपी सेंटर की वैक्सीन इंचार्ज शीला देवी ने मौके पर आकर देखा स्टोर के फ्रीज के बाहर बीसीजी, पोलियो वैक्सीन, हेपेटाइटिस-बी की वैक्सीन पड़ी हुई थी और कोरोना वैक्सीन की 171 शीशी गायब थी. इनमें कोविशील्ड की 1270 व कोवैक्सीन की 440 डोज थी. चोर दूसरे कमरे की अलमारी में रखी फाइल भी ले गए, जबकि उसी अलमारी में भंडारे के लिए रखी गई 50 हजार रुपये की नकदी छोड़ गए.

उस फाइल में आरटीआइ और किसी कर्मचारी की पुराने जांच से संबंधित कागजात थे. घटना का पता चलते ही डीआईजी ओपी नरवाल ने घटनास्थल का जायजा लिया और चोरों को पकड़ने के लिए तीन टीमें गठित करके पूरे जिले की पुलिस को अलर्ट कर दिया. पुलिस की सख्ती देख 12 घंटे बाद ही चोर इन कोरोना डोज से भरा बैग सिविल लाइन के सामने चाय के खोखे पर रख गया.

पुलिस ने पीपी सेंटर के सामने अस्पताल के पुराने भवन में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला, जिसमें दो युवक पिट्ठू बैग लिए दिखाई दे रहे हैं. कैमरे से बचने के लिए पार्क की ग्रिल से कूदकर पीपी सेंटर में घुसे थे. सुबह डीजीपी ने कहा था कि किसी जानकार ने ही वारदात को अंजाम दिया है. अब कोरोना वैक्सीन मिलने के बाद भी पुलिस ने चोरों को पकड़ने के लिए पूरा जोर लगा रखा है.

ताऊ, इस बैग में मुंशी का खाना है, थाने में दे आना
पुलिस के अनुसार में दिन में करीब 12 बजे एक बाइक सवार युवक सिविल लाइन के साथ चाय के खोखे पर पहुंचा. उसने वहां बैठे बुजुर्ग को बैग थमाते हुए कहा कि ताऊ इस बैग में मुंशी का खाना है. इसे थाने में मुंशी को दे आना. बुजुर्ग ने उस बैग को मुंशी को दे दिया. जब बैग को खोला तो उसमें कोरोना वैक्सीन की चोरी हुई शीशियां थीं. इन शीशियों के बीच में पर्ची पर लिखा था सॉरी, मुझे नहीं पता था इनमें कोरोना वैक्सीन है.

वैक्सीन के लिए नहीं कोई सुरक्षा
पीपी सेंटर के साथ कोरोना वैक्सीन के लिए भंडारण कक्ष बनाया गया है. बुधवार की रात जिला भंडारण कक्ष में 1610 वैक्सीन का स्टॉक था, लेकिन चोरों ने उसे निशाना नहीं बनाया. जनवरी में जब वैक्सीन की पहली डोज जिले में पहुंची थी, तो दस दिन तक वहां पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया. वैक्सीन का जिला भंडारण कक्ष होने के बावजूद वहां पर स्वास्थ्य विभाग ने ना तो सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं और न ही सुरक्षा गार्ड तैनात किए हैं.