रायपुर:- प्रदेश सरकार ने 18-44 के वैक्सीनेशन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को जवाब प्रस्तुत करने में संभावित देरी को देखते हुए यह निर्णय लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को स्पष्ट पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 7 मई को होगी।

प्रदेश शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित की है। न्यायालय ने विभाग के 30 अप्रैल के आदेश को संशोधित करने कहा है। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक प्रदेश शासन को पूरी जानकारी तैयार करने में समय लगने की संभावना है और ऐसे में यदि टीकाकरण जारी रखा गया तो यह न्यायालय की अवमानना होगी इसलिए आदेश को संशोधन किए जाने तक टीकाकरण को स्थगित किया जाता है। इससे पहले याचिकाकर्ताओं द्वारा इसे संवैधानिक अधिकारों के विपरीत बताया था।

वहीं प्रदेश सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा द्वारा दिए गए तर्क से हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कोर्ट ने ने कहा था कि पूरे राज्य में लॉकडाउन है ऐसे में गरीब तबके को बाहर निकलने से रोकना शासन की जिम्मेदारी है। कोरोना गरीब और अमीर देखकर संक्रमित नहीं कर रही है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह आदेश कैबिनेट के निर्णय से होना था न किसी अधिकारी द्वारा किया जाना था। इस मामले में हाईकोर्ट ने शासन से दो दिन में जवाब मांगा था।

आधार तय करने के लिए सचिवों की समिति बनी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, उच्च न्यायालय का आदेश मिलने के बाद राज्य सरकार ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में सचिवों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है। यह समिति टीकाकरण में अन्त्योदय, BPL और APL वर्गों में प्राथमिकता का अनुपात तय करेगी। इसकी सिफारिशों के आधार पर सरकार अपना जवाब उच्च न्यायालय में पेश करेगी।

ये है मामला
बतादें प्रदेश सरकार द्वारा 18+ के वैक्सीनेशन में अंत्योदय कार्डधारकों को प्राथमिकता देने का फैसला लिया था। इसके तहत 1 मई से वैक्सीनेशन शुरू किया गया था, लेकिन बहुत कम संख्या में टीका लगवाने आ रहे थे। टीकाकरण में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट (High Court) में याचिका लगाई गई थी।

अमित जोगी ने कहा, हाईकोर्ट को खलनायक दिखाना चाहती है सरकार
टीकाकरण पर रोक के आदेश के से राजनीति गरमा रही है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, हाईकोर्ट की मंशा है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के साथ-साथ बाकी सभी को भी टीका लगना चाहिए क्योंकि सबको जीने का समान अधिकार है। किंतु देर रात इस मंशा के विपरीत स्वास्थ्य विभाग ने 18-44 आयुवर्ग के टीकाकरण पर रोक लगा देने का फरमान निकाल दिया। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट को जनता के समक्ष खलनायक बनाने की गलत नियत से यह फैसला लिया है। यह न्यायालय की अवमानना की परिधि में आता है।